नई दिल्ली: राजनीति में उतार चढ़ाव होता रहता है. वहीं यूपी की सियासत में भी चार जून 2024 के बाद उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा हैं. सपा ने ऐसा ब्राह्मण कार्ड खेला है , जो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है. सिद्धार्थनगर स्थित इटावा से विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष […]
नई दिल्ली: राजनीति में उतार चढ़ाव होता रहता है. वहीं यूपी की सियासत में भी चार जून 2024 के बाद उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा हैं. सपा ने ऐसा ब्राह्मण कार्ड खेला है , जो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है. सिद्धार्थनगर स्थित इटावा से विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया और उसके बाद पंडित हरिशंकर तिवारी से जुड़े एक मुद्दे पर अखिलेश यादव ने आवाज उठाई है. दरअसल, मुद्दा स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा को लेकर है, जिसके लिए बन रहे चबूतरे को गिरा दिया गया था.
बता दें कि हरिशंकर तिवारी की 88वीं जयंती है. इसी को लेकर मूर्ति को लगाई जानी थी, जिसका फाउंडेशन भी बनकर तैयार हो गया था. वहीं 5 अगस्त को मूर्ति स्थागित करनी थी, लेकिन कहते है ना, कभी-कभी बुरा भी हो जाता है. जी हां… यहां भी वहीं हुआ. दरअसल, मुर्ती अभी लगाई भी नहीं गई थी और प्रशासन ने बुलडोजर एक्शन कर दिया. हालांकि ऐसा करने पर अफसरों और गांव वालों के बीच बहस हो गई. वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि अब बीजेपी बुलडोजर दिवंगतों के मान सम्मान पर चलने लगा है.
बता दें कि गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी के हाते और गोरखनाथ मठ की राजनीति के बीच का विवाद काफी पुराना है. पूर्वांचल में ब्राह्मण बनाम ठाकुर राजनीति ने कई उतार चढ़ाव देखे. अब अखिलेश यादव ने एक बार फिर से ब्राह्मण राजनीति को हवा दे दी है. सपा लगातार ब्राह्मणों को मैसेज दे रही है. यह सब जो हो रहा है, वो सपा की अब तक की राजनीति के एकदम उलट है.
हरिशंकर तिवारी के बेटे ने फेसबुक पर भी पोस्ट करते हुए लिखा है कि अब आप इसे क्या कहेंगे जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार के रहते हुए सम्मानित किया गया हो. इतना ही नहीं ये व्यक्ति कल्याण सिंह की सरकार में भी उनका सहयोग मंत्री रहा हो और भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेई के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो उनके साथ ये सलूक.