शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर बोले अखिलेश- ‘हम उसके पक्ष में नहीं हैं’

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर अब सियासी पारा बढ़ चुका है. भाजपा और सपा समेत कई नेता तो इस विवादित बयान को लेकर शिक्षा मंत्री को घेर ही रहे हैं देश के संत और आचार्य भी नारजगी जता रहे हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने […]

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शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर बोले अखिलेश- ‘हम उसके पक्ष में नहीं हैं’

Riya Kumari

  • January 12, 2023 7:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर अब सियासी पारा बढ़ चुका है. भाजपा और सपा समेत कई नेता तो इस विवादित बयान को लेकर शिक्षा मंत्री को घेर ही रहे हैं देश के संत और आचार्य भी नारजगी जता रहे हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चंद्रशेखर के विवादित बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है.

क्या बोले सपा अध्यक्ष?

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे विवाद को युवा दिवस से जोड़ते हुए कहा- ‘विवेकानंद जी जाति व्यवस्था के खिलाफ थे, हमें उनके रास्ते पर चलना चाहिए। जो चीज़ समाज में दूरी पैदा करे, जो चीज़ भेदभाव पैदा करे हम उसके पक्ष में नहीं हैं. इसके अलावा अखिलेश यादव ने सपा और भाजपा के बीच चल रही ट्विटर वॉर पर भी बयान दिया है. इस दौरान उन्होंने पार्टी के सोशल मीडिया को लेकर ट्रेनिंग दिए जाने की बात भी कही है. सपा अध्यक्ष ने कहा- ‘पार्टी तय करेगी सोशल मीडिया को कैसे चलाया जाए, और समय-समय पर जो लोग इसे चला रहे हैं उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी।’

ये है विवादित बयान

गौरतलब है कि बुधवार को शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालय में पहुंचे थे. जहां उन्होंने छात्रों को अपना संबोधन दिया था. इसी दौरान उन्होंने ये विवादित बयान दिया था. दरअसल शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सभागार में मौजूद हजारों की तादाद में छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच उन्होने कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, नफरत से नहीं। देश में 6 हजार से अधिक जातियां मौजूद हैं साथ ही जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार भी है. जब तक ये समाज में रहेंगी तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता है.

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आगे कहा कि संघ नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं वो लोग समाज में मोहब्बत फैलाने के लिए निकले हुए हैं. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान रामचरितमानस के कई दोहों को पढ़ते हुए कहा कि यह (रामचरितमानस) समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है.

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