Akhilesh Yadav Case CBI Officer Transfer: एनजीटी ने उत्तर प्रदेश में रेत खनन पर रोक लगा रखी थी. लेकिन फिर भी अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में अधिकारियों ने इसकी इजाजत दी और राज्य में रेत का अवैध खनन हुआ. इल मामले में सरकार भी घिरी. मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अवैध रेत खनन मामले में सीबीआई जांच कर रही है. खबर है कि जांच से जुड़े एक सीबीआई अधिकारी गगनदीप गंभीर का तबादला कर दिया गया है. हाल ही में सीबीआई ने डीआईजी रैंक के अपने 4 अधिकारियों का ट्रांसफर किया. इनमें से एक गगनदीप भी है. इस मामले की जांच अब एक अन्य डीआईजी रैंक के अधिकारी अनीश प्रसाद को सौंपी गई है. बता दें कि इस मामले में आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला, समाजवादी पार्टी विधायक रमेश मिश्रा, लीज होल्डर आदिल खान समेत कई और नामी लोग जांच के घेरे में हैं. कहा जा रहा है कि इस खनन मामले की जांच के घेरे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी आ सकते हैं.
दरअसल सपा के कार्यकाल के समय अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और तब खनन विभाग उनके पास था. सीबीआई से आ रही जानकारी के मुताबिक इस मामले में अखिलेश यादव की भूमिका की जांच की जाएगी और उनसे पूछताछ की जाएगी. बता दें कि सीबीआई ने साल 2012 से लेकर 2016 तक के रेत खनन मामले में जांच शुरू की है. अखिलेश यादव 2012 से 2013 के बीच मुख्यमंत्री पद के साथ खनन विभाग संभाल रहे थे. सीबीआई ने जांच शुरू करने से पहले कहा कि एनजीटी के रेत खनन पर रोक लगाने के बाद भी अधिकारियों ने इसकी इजाजत दी और यूपी में रेत का खनन किया गया.
डीआईजी गगनदीप गंभीर को बिहार के सृजन घोटाले और पत्रकार उपेंद्र राय मामले की जांच कर रही यूनिट में ट्रांसफर किया गया है. वो ज्वाइंट डायरेक्टर साई मनोहर की अगुवाई वाली स्पेशल जांच टीम में डीआईजी का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगी. यही टीम विजय माल्या और अगस्ता वेस्टलैंड जैसे कई अहम मामलों की जांच कर रही है. यह टीम कोल ब्लॉक स्कैम के कुछ मामलों की भी जांच कर रही है. सीबीआई के यह ट्रांसफर अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव ने किए हैं, जिन्हें आलोक वर्मा के बाद फिर से सीबीआई का जिम्मा दिया गया है.