UP Global Summit को अखिलेश ने बताया ‘शो ऑफ’, योगी सरकार पर उठाए सवाल

लखनऊ: आज (शुक्रवार) से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज़ हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिट का शुभारंभ किया है. जहाँ इस समिट के आयोजन के लिए काफी भव्य तैयारियां की गई हैं. दूसरी ओर विपक्ष ने भी प्रदेश सरकार के समिट पर वार करना शुरू कर […]

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UP Global Summit को अखिलेश ने बताया ‘शो ऑफ’, योगी सरकार पर उठाए सवाल

Riya Kumari

  • February 10, 2023 5:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: आज (शुक्रवार) से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज़ हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिट का शुभारंभ किया है. जहाँ इस समिट के आयोजन के लिए काफी भव्य तैयारियां की गई हैं. दूसरी ओर विपक्ष ने भी प्रदेश सरकार के समिट पर वार करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार पर तरह-तरह के आरोप गढ़ने शुरू कर दिए हैं. जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस समिट को सरकार की ओर से शो ऑफ करार दिया है.

सपा अध्यक्ष ने साधा निशाना

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार केवल एक कमरे में चल रही कंपनियों के साथ ही MoU पर हस्ताक्षर कर रही है. ख़बरों की मानें तो अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश को विकास नहीं बल्कि विनाश की ओर ले जा रही है. साथ ही जनता को ठगने और दिखावे का काम किया जा रहा है. जहां दिखावे के लिए उद्योगपतियों से एमओयू साइन किए जा रहे हैं.

जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं- अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि ये सरकार ऐसी कंपनियों के साथ मिलकर MoU साइन कर रही है, जो केवल एक ही कमरे में चल रही हैं. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान 5 लाख करोड़ रुपये के MoU साइन करवाने का दावा किया गया था. लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी देखने को नहीं मिला. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसी के भी साथ सूट-टाई में एमओयू कर रही है, क्योंकि इसके लिए पैसा जरूरी नहीं है.

कांग्रेस ने भी जमकर घेरा

कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जनता के पैसे का इस्तेमाल जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है. इन्वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसियों को समिट के लिए नियुक्त किया गया है.वह आगे कहते हैं कि सरकार को बताना चाहिए कि ये कौन सी एजेंसियां हैं, इन्हें कैसे नियुक्त किया गया है. इन एजेंसियों को कितने का भुगतान किया गया है.

आगे सवाल उठाते हैं कि इसी तरह का एक सम्मेलन फरवरी 2018 में लखनऊ में किया गया था. इस सम्मेलन में लगभग 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश की बात कही गई थी जिसके लिए 1,045 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे. इनमें से केवल 371 कंपनियां यहां ‘भूमि पूजन’ के लिए आईं थीं.

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