लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बुलडोजर वाले बयान पर हड़कंप मच गया है। उनके बयान से प्रदेश में विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस के एक पूर्व नेता ने कहा कि अखिलेश यादव गोरखपुर मंदिर पर बुलडोजर चलाना चाहते हैं क्या? क्योंकि उनका हालिया बयान बाबर, औरंगजेब या तैमूर के […]
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बुलडोजर वाले बयान पर हड़कंप मच गया है। उनके बयान से प्रदेश में विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस के एक पूर्व नेता ने कहा कि अखिलेश यादव गोरखपुर मंदिर पर बुलडोजर चलाना चाहते हैं क्या? क्योंकि उनका हालिया बयान बाबर, औरंगजेब या तैमूर के बयानों जैसा है।
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व नेता व कल्किधाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जिस तरह से बाबर, तैमूर और मुहम्मद गजनवी ने हिन्दुओं के मठों और मंदिरों को नष्ट कर दिया। वैसे ही भावना अखिलेश यादव की है। अखिलेश यादव द्वारा ये कहना कि वो सारे बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ कर देंगे तो क्या ये धमकी है कि सपा प्रमुख गोरखनाथ मंदिर को तोड़ देंगे। ये वही अखिलेश हैं, जिनकी सरकार में निहत्थे राम भक्तों पर गोलियां चलाई गई।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होना तय है। इससे देश की राजनीति भी प्रभावित होगी। बीजेपी की सरकार में निर्दोषों को फंसाया जा रहा है। किसान परेशान हैं और नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है। 2027 में सपा की सरकार बनते ही पूरे उत्तर प्रदेश के बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरफ होगा।
सीएम योगी ने सपा मुखिया पर हमला करते हुए कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए दिल और दिमाग होना चाहिए। सबका हाथ उसपर सेट नहीं हो सकता। जिसके अंदर बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा हो वहीं उसे चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले वैसे ही बुलडोजर के सामने पस्त हो जायेंगे। बुलडोजर चलाने के लिए जिगरा होना चाहिए।
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