लखनऊ: पिछले लोकसभा चुनावों में यह साफ हो गया की उत्तर प्रदेश में सपा का सियासी सफर काफी अच्छा चल रहा। लोकसभा में सपा को सबसे ज्यादा 37 सीटें मिली थी। चुनावी पंडितो का कहना है की अखिलेश के पाले में यूपी के सारे मुस्लिम वोट गए हैं। इसी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव […]
लखनऊ: पिछले लोकसभा चुनावों में यह साफ हो गया की उत्तर प्रदेश में सपा का सियासी सफर काफी अच्छा चल रहा। लोकसभा में सपा को सबसे ज्यादा 37 सीटें मिली थी। चुनावी पंडितो का कहना है की अखिलेश के पाले में यूपी के सारे मुस्लिम वोट गए हैं। इसी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव मास्टर प्लान बना रहे हैं जिससे उनकी पार्टी को देश की राष्ट्रीय पार्टी बनाया जा सके। इसके लिए अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर नजरें गड़ा दी हैं जिसके सहारे वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की कोशिश में है।
सपा के 37 सांसद और 106 विधायक हैं। यूपी में सपा का वोट शेयर भी 30 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन यह काफी नहीं है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए सपा को चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में छह फीसदी वोट शेयर हासिल करना होगा। यूपी में सपा का वोट शेयर है और अगर जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में इसे 6 फीसदी वोट मिल जाते हैं तो अखिलेश यादव का सपना पूरा हो जाएगा। इसके लिए सपा ने मुस्लिम और यादव बहूल इलाकों में चुनाव लडने की रणनीति बनाई है। इनमें गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों की सीटें शामिल हैं।
जैसा कि आपको पहले बताया कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए किसी भी दल को चार राज्यों में 6 फीसदी वोट शेयर की जरूरत होती है। इसके अलावा अगर किसी पार्टी को तीन राज्यों में लोकसभा चुनाव में दो प्रतिशत वोट मिलते हैं तो भी उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तीसरा उपाय यह है कि अगर किसी पार्टी को चार या उससे ज़्यादा राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता मिल जाती है तो भी वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने में सफल हो जाती है।