नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांग्लादेश मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। उनके पोस्ट से पता चलता है कि उनका इशारा बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम पर है। साथ ही साथ उन्होंने मोदी सरकार को नसीहत […]
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांग्लादेश मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। उनके पोस्ट से पता चलता है कि उनका इशारा बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम पर है। साथ ही साथ उन्होंने मोदी सरकार को नसीहत भी दे दी है।
अखिलेश ने एक्स पर लिखा है कि विश्व इतिहास गवाह है कि विभिन्न देशों में सत्ता के ख़िलाफ़, उस समय की कसौटी पर, सही-गलत कारणों से हिंसक जन क्रांतियां, सैन्य तख़्तापलट, सत्ता-विरोधी आंदोलन विभिन्न कारणों से होते रहे हैं। ऐसे में उस देश का ही पुनरुत्थान हुआ है, जिसके समाज ने अपने सत्ता-शून्यता के उस उथल-पुथल भरे समय में भी अपने देशवासियों की जान-माल व मान की रक्षा करने में जन्म, धर्म, विचारधारा, संख्या की बहुलता-अल्पता या किसी अन्य राजनीतिक विद्वेष या नकारात्मक, संकीर्ण सोच के आधार पर भेदभाव न करके सकारात्मक-बड़ी सोच के साथ सबको एक-समान समझा और संरक्षित किया है।
विश्व इतिहास गवाह है कि विभिन्न देशों में सत्ता के ख़िलाफ़, उस समय की कसौटी पर, सही-गलत कारणों से हिंसक जन क्रांतियाँ, सैन्य तख़्तापलट, सत्ता-विरोधी आंदोलन विभिन्न कारणों से होते रहे हैं। ऐसे में उस देश का ही पुनरुत्थान हुआ है, जिसके समाज ने अपने सत्ता-शून्यता के उस उथल-पुथल भरे…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 12, 2024
अखिलेश ने आगे लिखा है कि कई बार किसी देश के आंतरिक मामलों से प्रभावित होने वाले, किसी अन्य देश द्वारा एकल स्तर पर हस्तक्षेप करना वैश्विक राजनयिक मानकों पर उचित नहीं माना जाता है, परंतु ऐसे में उस प्रभावित देश और उसके अपने सांस्कृतिक रूप से संबंधित व्यक्तियों की चतुर्दिक रक्षा के लिए, उस देश को अपनी मूक विदेश नीति को सक्रिय करते हुए, विश्व बिरादरी के साथ मिलकर साहसपूर्ण सकारात्मक मुखर पहल करनी चाहिए। जो सरकार ऐसे में मूक-दर्शक बनी रहेगी, वो ये मानकर चले कि ये उसकी विदेश नीति की नाकामी है। इसका मतलब है कि ‘भू-राजनीतिक’ नज़रिये से उसकी विदेश नीति में कहीं कोई भारी चूक हुई है।
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