स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी, बीजेपी पर बोला हमला

  लखनऊ : रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादस्पद बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है.. अखिलेश यादव ने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते है. अखिलेश ने आगे कहा कि हम सभी धर्मों के संतों, गुरूओं का सम्मान करते है उनके द्वारा दिए गए […]

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स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी, बीजेपी पर बोला हमला

Vivek Kumar Roy

  • January 26, 2023 8:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

लखनऊ : रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादस्पद बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है.. अखिलेश यादव ने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते है. अखिलेश ने आगे कहा कि हम सभी धर्मों के संतों, गुरूओं का सम्मान करते है उनके द्वारा दिए गए विचारों का भी हम सम्मान करते है.

पार्टी मुख्यालय में गणतंत्र दिवस के अवसर पर अखिलेश यादव ने ये बयान दिया है. आगे अखिलेश ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म हमारा भारत का संविधान है. बाबा साहब ने जो संविधान दिया है उसका हम पालन करते है. राम मनोहर लोहिया ने जो विचार और सिद्धांत दिया है उसका हम पालन करते है और उसी सिद्धांत पर चलकर देश में विकास और खुशहाली आएगी.

बीजेपी पर जमकर साधा निशाना

सपा अध्यक्ष ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उद्योगपतियों को लोन देकर बीजेपी ने कहां से कहां पहुंचा दिया. जब रिपोर्ट आई तो उसमें सब जीचें खुलकर सामने आई है. योगी सरकार पर निशाने साधते हुए कहा इन्वेस्टर मीट के नाम पर झूठ फैला रही है. उत्तर प्रदेश में कोई इन्वेस्टमेंट नहीं आ रहा है जनाता को मूर्ख बनाया जा रहा है. अखिलेश यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि प्रदेश का विकास बीजेपी सरकार में रूक गया है. समाजवादी पार्टी ही प्रदेश का विकास कर सकती है और इसको आगे ले जा सकती है.

बयान पर कायम हैं सपा नेता

अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया है कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया और ना ही रामचरितमानस का अपमान किया. उनका कहना है कि, ‘हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है.’ स्वामी प्रसाद ने बताया कि उन्होंने किसी ग्रंथ या भगवान के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है. बल्कि उन्हें तो रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों से आपत्ति हैं. हालांकि उन्होंने ये भी साफ़ किया कि वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. उन्हें बस उन चौपाइयों पर आपत्ति है जिसमें दलितों और पिछड़ों को अपमानित किया गया है. उनकी मांग है कि रामचरितमानस के उस अंश को निकाल दिया जाए.

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