आकाश आनंद का बसपा में फिर से बढ़ेगा सियासी कद, मायावती देगी अहम जिम्मेदारी !

आकाश आनंद का बसपा में फिर से बढ़ेगा सियासी कद, मायावती देगी अहम जिम्मेदारी ! Akash Anand's political stature will increase again in BSP, Mayawati will give important responsibility!

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आकाश आनंद का बसपा में फिर से बढ़ेगा सियासी कद, मायावती देगी अहम जिम्मेदारी !

Shikha Pandey

  • August 26, 2024 1:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली : बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर से अपनी पार्टी को देशभर में मजबूत बनाने की कवायद में जुट गई है. इसके लिए पार्टी ने ज़मीनी स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है. वहीं अब उनके भतीजे आंनद का सियासी कद को और मजबूत किया जाएगा. मायावती उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारियां देने की तैयारी कर रही है.

बता दें 27 अगस्त को लखनऊ में बसपा कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. सूत्रों के मुताबिक मायावती इस बैठक में आकाश आनंद को नई ज़िम्मेदारियां देने का ऐलान कर सकती है. राजनीतिक जानकारों के अनुसार आकाश आनंद की बढ़ती लोकप्रियता और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी पकड़ को देखते हुए मायावती आगामी चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी दे सकती हैं.

आकाश आनंद का बढ़ेगा सियासी कद

मायावती के बाद आकाश आनंद बसपा के सबसे बड़े नेता है.वह बसपा के कोआर्डिनेटर होने के अलावा मायावती के उत्तराधिकारी भी है. इसलिए मायावती अब अपने कंधों से कुछ जिम्मेदारियों को कम करना चाहती है. इसलिए उन्होंने आकाश आनंद पर अपना भरोसा जताया है.

बसपा सुप्रीमो 27 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. बता दें इससे पहले 2019 में बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया गया था .उसमें मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. अध्यक्ष के चुनाव के बाद महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी. उसके बाद आकाश आनंद राज्यवार पार्टी पदाधिकारियों से बात करेंगे.

आकाश को पार्टी के पदों से हटाया गया था

बता दें लोकसभा चुनाव में मायावती ने अपने भतीजे को स्टार प्रचारक बनाया था. इस दौरान आकाश आंनद के आक्रामक भाषणों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिला था. लेकिन प्रचार के दौरान उन्होंने विवादित बयानबाजी कर दी, जिसके वजह से मायावती ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया था,लेकिन बाद में कार्यकर्ताओं की मांग पर उन्हें फिर से जिम्मेदारी दी गई थी.

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