एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुख्य तौर पर हिंदू धर्म में गर्भपात होता है. वहीं दहेज के लिए प्रताड़ित या खुशकुशी करने वाली अधिक महिलाएं हिंदू समुदाय से आती हैं.
नई दिल्ली. तीन तलाक कानून का विरोध करने वाले एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सोमवार को एक शर्मनाक बात कही है. उन्होंने कहा है कि गर्भपात मुख्य तौर पर हिंदू समुदाय में होता है. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने दावा किया है कि साल 2001 की जनगणना के अनुसार, काफी ज्यादा मात्रा में खुदकुशी करने वाली महिलाएं या दहेज के लिए प्रताड़ित की जाने वाले महिलाएं हिंदू समाज से आती हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा कि देश में निराश्रित महिलाओं और परित्यक्त महिलाओं की अधिक संख्या में हिंदू धर्म से होती हैं. बता दें कि ओवैसी ने एक अखबार के लेख ‘‘तीन तलाक को गैरकानूनी बनाने से महिलाओं को लाभ नहीं होगा’’ पर कमेंट करते हुए उन्होंने ट्विटर के जरिए यह बयान दिया है. हालांकि भाजपा ने औवेसी के इस बेतुके बयान का पलटवार किया है.
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुसलमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के इस बयान को लेकर तेलंगाना भाजपा के प्रवक्ता कृष्ण सागर राव ने कहा कि इस बयान ने ओवैसी की मानसिकता का भंडाफोड़ किया है. उन्होंने आगे कहा कि यह बिल्कुल पुरातन और महिला विरोधी बयान है. कृष्ण सागर राव ने आगे कहा कि ओवैसी कट्टरवादी मानसिकता में अंधे हो चले हैं. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि 84 प्रतिशत आबादी की तुलना करीब 15 फीसदी से करना पूरी तरह निराधार है.
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