महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद संजय राउत ने कहा, हरियाणा में जो हुआ…

नई दिल्ली :  झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। वहीं, झारखंड में 13 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 20 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। हालांकि, इन राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी दलों ने ईवीएम […]

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद संजय राउत ने कहा, हरियाणा में जो हुआ…

Manisha Shukla

  • October 15, 2024 5:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली :  झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। वहीं, झारखंड में 13 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 20 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। हालांकि, इन राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अब इन सवालों का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जनता मतदान में हिस्सा लेकर सवालों का जवाब देती है।

जहां तक ​​ईवीएम की बात है तो वे 100 फीसदी फुलप्रूफ हैं। आपको बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ये बातें झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीख के ऐलान से ठीक पहले यह बात कही हैं। झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद ही उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव की अपील की है।

चुनाव में पैसे का होगा खेल 

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने चुनाव आयोग को सलाह देते हुए कहा, “हम चुनाव का इंतजार कर रहे थे और चुनाव की घोषणा हो गई है। हम तैयारी में जुटे हैं। हम चुनाव आयोग से इतनी ही उम्मीद करते हैं कि वह हरियाणा की तरह इस राज्य में चुनाव न कराए, पूरे देश की जनता देख रही है कि हरियाणा में क्या हुआ। ईवीएम हो या पोस्टल बैलेट, सबने देखा है कि क्या हुआ। पैसे का खेल होगा, पुलिस और सिस्टम का इस्तेमाल होगा। अगर चुनाव आयोग खुद को निष्पक्ष मानता है तो उसे निष्पक्ष चुनाव कराने होंगे।”

क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है?

चुनाव से पहले अक्सर ईवीएम को हैक किए जाने की संभावनाएं चर्चा का विषय बन जाती हैं। हालांकि, ईवीएम के डिजाइन और सुरक्षा उपायों को देखते हुए इसे हैक किए जाने की संभावना नगण्य है। दरअसल, ईवीएम में इस्तेमाल होने वाले चिप्स और सर्किट को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि उन्हें सामान्य डिवाइस की तरह हैक नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, ईवीएम में एकत्र किए गए डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है ताकि उसे एक्सेस न किया जा सके।

 

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