पटना। मंगलवार को बिहार में बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली। दरअसल नीतीश कुमार और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात हुई है। इसके एक दिन बाद ही सिंगापुर से अपने स्वास्थ्य की जांच कराकर लौटे लालू यादव ने राजद के सभ विधायकों, विधान पार्षदों की बैठक बुलाई है। इन सबके बाद […]
पटना। मंगलवार को बिहार में बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली। दरअसल नीतीश कुमार और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात हुई है। इसके एक दिन बाद ही सिंगापुर से अपने स्वास्थ्य की जांच कराकर लौटे लालू यादव ने राजद के सभ विधायकों, विधान पार्षदों की बैठक बुलाई है। इन सबके बाद इस बात की हलचल तेज हो गई है कि क्या बिहार में नई पटकथा लिखी जा रही है।
बता दें कि नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में मुलाकात हुई। उनकी यह मुलाकात अचानक नहीं हुई बल्कि पहले से तय थी। सूचना आयुक्त के पद पर होने वाली नियुक्ति के लिए दोनों नेता मिले क्योंकि सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए गठित कमेटी में सीएम, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं। हालांकि नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात ने बिहार में सियासी हलचल पैदा कर दी है।
दूसरी तरफ अब लालू यादव ने विधायक-एमएलसी की बैठक बुला लिया है। राजद की तरफ से बैठक के बारे में सूचित किया गया है कि पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए यह बैठक बुलाया गया है। 10 सितंबर से बिहार में आभार यात्रा शुरू करने जा रहे तेजस्वी की यात्रा को सफल बनाने की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी। इस मीटिंग को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2022 में तेजस्वी और नीतीश की मुलाकात भी ऐसे ही हुई थी। एक-दो मुलाकात के बाद राज्य में महागठबंधन की सरकार बन गई थी।
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