उत्तर प्रदेश: कत्ल का चश्मदीद न दे सके गवाही इसलिए काट डाली उसकी जुबान

यूपी में अपरधियों के हौसले किस कदर बुलंद है इसकी एक बानगी फैजाबाद में देखने को मिली, जहां कत्ल के एक चश्मदीद गवाह को गवाह बनने की कीमत अपनी जुबान देकर चुकानी पड़ी. दरअसल एक साल पहले एक युवक की हत्या के चश्मदीद की चार आरोपियों ने जुबान काट दी. घायल शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. एक आरोपी को गिरफ्तार करते हुए पुलिस अन्य की तलाश में जुटी है.

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उत्तर प्रदेश: कत्ल का चश्मदीद न दे सके गवाही इसलिए काट डाली उसकी जुबान

Aanchal Pandey

  • January 12, 2018 2:55 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

फैजाबादः यूपी में अपरधियों के हौसले किस कदर बुलंद है इसकी एक बानगी फैजाबाद में देखने को मिली, जहां एक शख्स को कत्ल का चश्मदीद गवाह बनने की कीमत अपनी जुबान देकर चुकानी पड़ी. दरअसल एक साल पहले हुए एक युवक की हत्या के चश्मदीद गवाह की चार युवकों ने जुबान काट दी. घायल शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. एक आरोपी को गिरफ्तार करते हुए पुलिस अन्य की तलाश में जुटी है.

मिली जानकारी के अनुसार, घटना फैजाबाद जिले के इनायतनगर इलाके के पलिया प्रतापशाह गांव की है. घायल शख्स का नाम जनक राज सिंह उर्फ बैरिस्टर सिंह है. जनक की पत्नी ने बताया कि उसके पति जनक 9 जनवरी को गेहूं के खेत की सिंचाई कर रहे थे. रात करीबन 10 बजे उन्हीं के गांव के रहने वाले राम स्वरूप, राम पदारथ उर्फ नान्ह, बलराम यादव और रवि सिंह जनक के पास पहुंचे और उन्हें घेर लिया. इससे पहले कि जनक कुछ समझ पाता आरोपियों ने उसे पकड़ लिया और गला दबाने लगे.

जनक राज ने पुलिस को लिखकर बताया कि राम स्वरूप ने चाकू से उसकी जुबान काट दी. इस दौरान आरोपियों ने जनक राज से कहा कि अब देखते हैं कि कत्ल के मुकदमे में वह गवाही कैसे देता है. इनायतनगर थाना प्रभारी अच्छेलाल सरोज ने बताया कि घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस के केस दर्ज कर लिया है. एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. पुलिस केस की गहनता से जांच कर रही है. गौरतलब है कि एक साल पहले तहसील कर्मी हरिश्चंद्र तिवारी के बेटे जितेंद्र तिवारी (30) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जनक राज ने राम पदारथ और एक अन्य को कत्ल करते हुए देख लिया था. जिसके बाद पुलिस ने जनक राज को इस हत्याकांड में गवाह बना दिया था.

 

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