AAP MLA Attack On Central Government : आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली में छठवें दिन भी सरकारी केंद्रों पर युवाओं के लिए वैक्सीनेशन बिलकुल बंद रहा है, दिल्ली में एक भी सरकारी सेंटर पर युवाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है. पूरे देश भर में युवाओं के लिए सरकारी वैक्सीनेश सेंटर लगभग बंद हो हो चुके हैं,
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली में छठवें दिन भी सरकारी केंद्रों पर युवाओं के लिए वैक्सीनेशन बिलकुल बंद रहा है, दिल्ली में एक भी सरकारी सेंटर पर युवाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है. पूरे देश भर में युवाओं के लिए सरकारी वैक्सीनेश सेंटर लगभग बंद हो हो चुके हैं, जबकि निजी अस्पतालों को वैक्सीन की डोज खूब मिल रही हैं. क्या किसी तरह का घोटाला हो रहा है जो राज्य सरकारों को फ्री में वैक्सीन लगाने के लिए भी नहीं मिल रही हैं और निजी अस्पताल में मंहगे दामों पर वैक्सीन लगाने के लिए उपलब्ध है.
कोवीशील्ड का 14 दिन के लिए स्टॉक उपलब्ध
केंद्र सरकार से सवाल है कि अभी तक ऐसी वैक्सीन को क्यों मंजूरी नहीं दी गई है जिन्हें दुनिया भर में अनुमति मिल चुकी है. दोनों वैक्सीन कंपनियों से केंद्र सरकार की कैसी सांठगांठ है कि इनके पास उत्पादन क्षमता ना होते हुए भी हम इन्ही पर निर्भर हैं. केंद्र सरकार से अपील है कि युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन राज्य सरकारों को उपलब्ध करवाई जाएं. उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कोवैक्सीन की 48,890 और कोवीशील्ड 83970 डोज मिली हैं. कोवैक्सीन की कम डोज आयी हैं ऐसे में इसका इस्तेमाल सिर्फ दूसरी डोज लगाने के लिए किया जाएगा. 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लिए कोवीशील्ड का 14 दिन के लिए स्टॉक उपलब्ध है.
वैक्सीनेशन युवाओं के लिए 6 दिन से बंद
विधायक आतिशी ने शनिवार को वैक्सीनेशन बुलेटिन जारी किया. विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली में आज छठवां दिन है जब सरकारी वैक्सीनेशन युवाओं के लिए बिलकुल बंद रही है. दिल्ली में मई की शुरुआत में युवाओं के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ था. दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में युवाओं के लिए वैक्सीनेशन सेंटर खोले थे. कोविन ऐप पर अपने आप को पंजीकृत कर भारी संख्या में युवा रोजाना वैक्सीन लगवा रहे थे. यही कारण है कि दिल्ली देश में युवाओं को वैक्सीन लगाने में अन्य राज्यों से बहुत आगे रहा है। अब 6 दिन हो चुके हैं जब से दिल्ली में एक भी सरकारी सेंटर में युवाओं का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है. यह बहुत चिंता का मुद्दा है कि दिल्ली सरकार सहित अन्य राज्यों के पास युवाओं को लगाने के लिए वैक्सीन नहीं है.
पूरे देश भर में सरकारी वैक्सीनेश सेंटर युवाओं के लिए बंद हो रहे हैं
पूरे देश भर में सरकारी वैक्सीनेश सेंटर युवाओं के लिए बंद हो रहे हैं या बंद हो चुके हैं. जबकि निजी अस्पतालों को वैक्सीन की डोज उपलब्ध हो रही हैं. निजी अस्पातलों में महंगे दामों पर युवाओं को वैक्सीन लगायी जा रही हैं. कोविन ऐप देखने पर पता चलता है कि निजी अस्पातलों में 850 रुपए से 1400 रुपए में वैक्सीन लगायी जा रही है. यदि एक परिवार में 5 सदस्य हैं और सबको वैक्सीन की दो डोज लगवानी हैं तो पूरे परिवार को वैक्सीन लगवाने के लिए 10 से 15 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे. दिल्ली में ऐसे कितने परिवार हैं जो 10 से 15 हजार रुपये सिर्फ वैक्सीनेशन में लगा सकते हैं.
राज्य सरकार फ्री में वैक्सीन लगाते हैं
यह एक बड़ा सवाल है कि क्या किसी तरह का घोटाला हो रहा है. राज्य सरकार फ्री में वैक्सीन लगाते हैं लेकिन उनके पास वैक्सीन की डोज उपलब्ध नहीं है. निजी अस्पताल जो महंगे दामों पर वैक्सीनेशन लगवा रहे हैं उनके पास वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. वहां पर धड़ल्ले से वैक्सीन लगाई जा रही है. क्या घोटाला हो रहा है जिसके तहत केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों को वैक्सीन उपलब्ध करवाई है. हमारा दूसरा सवाल केंद्र सरकार से है कि अभी तक केंद्र सरकार ने ऐसी वैक्सीन को क्यों अप्रूव नहीं किया है जो दुनिया भर में अप्रूव हो चुकी हैं। क्यों फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन को केंद्र सरकार आज तक मंजूरी नहीं दे रही है. यदि उनकी वैक्सीन को मंजूरी दी जाती है तो ना सिर्फ उन उत्पादकों की वैक्सीन को इंपोर्ट किया जा सकता है बल्कि उन की उत्पादन क्षमता को भारत में भी बढ़ाया जा सकता है. आखिरकार भारत को दुनिया की उत्पादक राजधानी माना जाता है.
भारत में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता होते हुए भी क्यों हम सिर्फ दो कंपनियों पर निर्भर हैं. जिन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि भारत की जनसंख्या के लिए वैक्सीन बनाने की योग्यता उनके पास नहीं है। इन दोनों वैक्सीन कंपनियों से केंद्र सरकार की कैसी सांठगांठ है कि इनके पास मैन्युफैक्चरिंग क्षमता ना होते हुए भी हम सिर्फ और सिर्फ इन्ही दो कंपनियों पर निर्भर हैं. केंद्र सरकार यह तय करती है कि वैक्सीन किस के पास जाएगी। निजी अस्पतालों में आज के दिन में वैक्सीन महंगे दामों पर लगायी जा रही है. सरकारी केंद्रों में पिछले 6 दिनों से एक भी युवा का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.
कोवैक्सीन की 48,890 और कोवीशील्ड की 83970 डोज आई हैं
उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कोवैक्सीन की और कोवीशील्ड की कल शाम को एक खेप आई है. कोवैक्सीन की 48,890 और कोवीशील्ड की 83970 डोज आई हैं. 45 वर्ष से अधिक उम्र के लिए दिल्ली का वैक्सीन स्टॉक 3,87,010 हो गया है. अभी भी कोवैक्सीन की जो डोज आयी हैं वह कम संख्या में है. ऐसे में कोवैक्सीन की डोज का इस्तेमाल सिर्फ दूसरी डोज लगाने के लिए किया जाएगा. कई दिनों से लोग काफी परेशान हैं क्योंकि उनकी दूसरी डोज का समय आ गया था लेकिन दूसरी डोज उपलब्ध नहीं थी.
जहां तक कोवीशील्ड के स्टॉक की बात है तो अभी 3.36 लाख डोज उपलब्ध हैं. 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लिए कोवीशील्ड का 14 दिन के लिए स्टॉक उपलब्ध है. केंद्र सरकार से एक बार फिर अपील है कि धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ ही दिनों में ऑफिस-कंपनियां खुलने से युवाओं को ही अपने घर से बाहर निकलना होगा. केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अपील है कि युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन राज्य सरकारों को उपलब्ध करवाई जाएं. हर दिन हम तीन लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की क्षमता रखते हैं। हम चाहते हैं कि दिल्ली के युवाओं को जल्द से जल्द वैक्सीन लगायी जाए और इस महामारी से बचाया जाए.