AAP Attack On Punjab Goverment : बुधवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप सहते प्रदेश के लोगों को दो साल से अधिक का समय हो गया है, इस समय दौरान सरकारों की ओर से लगाए गए कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों के कारोबार ठप्प हो कर रह गए हैं और वह बेरोजगार हो गए हैं। ऐसी स्थिति में मध्यवर्गीय परिवारों के पास अपने परिवारों का पालन पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया है।
चंडीगढ़. बुधवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप सहते प्रदेश के लोगों को दो साल से अधिक का समय हो गया है, इस समय दौरान सरकारों की ओर से लगाए गए कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों के कारोबार ठप्प हो कर रह गए हैं और वह बेरोजगार हो गए हैं। ऐसी स्थिति में मध्यवर्गीय परिवारों के पास अपने परिवारों का पालन पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया है।
चीमा ने दोष लगाया कि जब पंजाब के लोग कोरोना महामारी के कारण गंभीर वित्तीय संकट में घिरे हुए हैं, उस समय कांग्रेस सरकार ने शहरवासियों पर भारी टैक्स लगा कर उनकी परेशानियों में ओर विस्तार कर दिया है। इतना ही नहीं सूबे के अलग अलग शहरों में सरकार के अधिकारी लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी करके ओर तंग परेशान कर रहे हैं।
पंजाब में कोरोना महामारी के चलते बेरोजगारी की मार सहन कर रहे शहरी परिवारों को कांग्रेस सरकार की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए परेशान करने की सख्त निंदा करते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मांग की है कि प्रदेश वासी की दयनीय वित्तीय हालत के मद्देनज़र पिछले दो सालों का प्रॉपर्टी टैक्स पंजाब सरकार की तरफ से माफ किया जाए।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र और सूबा सरकारें लोगों की मदद के लिए होती हैं न कि केवल टैक्स इकट्ठा करने के लिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में पंजाब सरकार सूबे के हज़ारों लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाने में नाकाम सिद्ध हुई है। परन्तु अब कैप्टन सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करे। इस लिए जरूरी हो जाता है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह तुरंत प्रभाव से दूसरे टैक्सों समेत प्रॉपर्टी टैक्स से छूट देने का ऐलान करें। चीमा ने कहा कि पंजाब देश का विकसित प्रदेश है और यहां की सरकार बहुत से टैक्स सूबे के लोगों से वसूल रही है, लेकिन यह पैसा लोगों की सेवा के लिए बहुत ही कम खर्चा जा रहा, बल्कि मंत्रियों और सलाहकारों की।