राजस्थान: करौली जिले में एक महिला ने शादी के सात साल बाद पांच बच्चों को जन्म दिया। सभी बच्चे समय से पहले जन्मे थे और उस स्थिति में ये सभी बच्चों ने दम तोड़ दिया, सभी बच्चों का वेट 300 से 600 ग्राम था।
करौली में 22 साल की एक विवाहिता ने पांच बच्चों को एक साथ जन्म दिया। उस वक्त बच्चों की हालत गंभीर थी। ऐसे में जयपुर हॉस्पिटल लाते समय दो लड़के और दो लड़कियों की मौत हो गई। जबकि एक लड़की ने जयपुर हॉस्पिटल में पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मासलपुर क्षेत्र के पिपरानी गांव निवासी रेशमा (25) पत्नी अश्क अली शादी के सात साल बाद मां बनी थी। रेशमा ने प्राइवेट हॉस्पिटल में एक साथ 5 बच्चों को जन्म दिया। इनमें 2 लड़के और 3 लड़कियां थीं। केवल 7 महीने की गर्भवती होने के कारण बच्चे काफी कमजोर थे। इन पांचों नवजातों बच्चों का वजन 300 से 600 ग्राम था।
डॉक्टर का कहना है कि तीन दिन पहले 22 जुलाई को लोटन बाई (22) पत्नी प्रदीप मीणा निवासी चौधरी पुरा मंडरायल ने भी एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया था। डिलीवरी होने के बाद मां और बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। बच्चों को एहतियातन एसएनसीयू वार्ड में सुरक्षित रखा गया है।
माँ बनना हर महिला का सपना होता है। माँ बनने की खुशी ऐसी होती है कि शिशु के आने का समय का इंतजार करती रहती हैं। सामान्य तौर पर शिशु का जन्म नौ महीने के बाद होता है, मेडिकल परिस्तिथि के कारण नौ महीने से पहले जन्म ले लेते हैं। समय से पहले जन्मे बच्चें को चिकिस्तक भाषा में प्रीमैच्योर बेबी बोला जाता है। प्रीमैच्योर बेबी का अर्थ यह है कि माँ के गर्भ में नौ महीने तक नवजात शिशु नहीं रह पाते है। यही वजह है कि आम शिशु की तुलना में समय से पहले जन्मे शिशु कमजोर होते है।
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