मणिपुर से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है, जहां चुराचांदपुर जिले के एक राहत शिविर में शुक्रवार की सुबह एक 9 साल की बच्ची की लाश मिली है. पुलिस के मुताबिक, बच्ची गुरुवार शाम से लापता थी, जिसके बाद परिवार और शिविर के निवासियों ने उसकी तलाश शुरू की। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
नई दिल्ली: मणिपुर से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है, जहां चुराचांदपुर जिले के एक राहत शिविर में शुक्रवार की सुबह एक 9 साल की बच्ची की लाश मिली है. वहीं घटना के सामने आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. बता दें, बच्ची के शरीर पर चोट की निशान मिले है, जिससे यौन उत्पीड़न की आशंका जताई जा रही है। लेकिन क्या है पूरा मामला आइए जानते है.
पुलिस के मुताबिक, बच्ची गुरुवार शाम से लापता थी, जिसके बाद परिवार और शिविर के निवासियों ने उसकी तलाश शुरू की। आधी रात के करीब उसका शव मिला, जिसके गले में रस्सी बंधी थी और शरीर पर खून के धब्बे थे। बच्ची को ऐसी हालत में देखने के बाद परिवार ने आरोप लगाया कि उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया, हालांकि पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बच्ची के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह जघन्य अपराध है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
चुराचांदपुर जिले में हाल ही में हमार और जोमी समुदायों के बीच संघर्ष बढ़ गया है। 18 मार्च को एक झंडा फहराने को लेकर दोनों गुटों में झड़प हुई, जिसमें 53 वर्षीय लालरोपुई पाखुमाते की मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वहीं पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक 15 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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