गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार में पांच बार कैबिनेट मंत्री रहे राजनीति के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 91 वर्ष की आयु में उन्होंने गोरखपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांसें ली. उनकी पूर्वांचल की राजनीति में बहुत अहम भूमिका रही थी इसलिए उनका जाना राजनीति की दुनिया के लिए […]
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार में पांच बार कैबिनेट मंत्री रहे राजनीति के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 91 वर्ष की आयु में उन्होंने गोरखपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांसें ली. उनकी पूर्वांचल की राजनीति में बहुत अहम भूमिका रही थी इसलिए उनका जाना राजनीति की दुनिया के लिए बड़ी हानि मानी जाएगी. निधन की सूचना मिलने पर उनके आवास पर समर्थकों की भारी भीड़ जुटने लगी थी. बुधवार सुबह ये भीड़ भयानक हो गई जिसमें हर एक व्यक्ति की आंखें नम दिखाई दीं.
आज सुबह उनका पार्थिव शरीर दर्शनार्थ के लिए हाता परिसर में रखा गया था. इस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. जिसके बाद शव यात्रा निकली गई. ये यात्रा बड़हलगंज स्थित गांव टांडा तक जानी थी जिस बीच लोगों की भारी भीड़ इस यात्रा के पीछे-पीछे चलती रही. हरिशंकर तिवारी के पार्थिव शरीर को नेशनल इंटर कॉलेज में दर्शनार्थ रखा जाएगा जहां के वह प्रबंधक भी रह चुके हैं. उनका अंतिम संस्कार बड़हलगंज स्थित मुक्तिपथ पर किया जाएगा.
गौरतलब है कि हरिशंकर तिवारी को लोग प्यार से बाबूजी कहकर बुलाते हैं. गोरखपुर जिले के चिल्लूपार विधान सभा से हरिशंकर तिवारी विधायक थे. यहाँ से हरिशंकर तिवारी 6 बार विधायक रह चुके थे. हालांकि उन्हें साल 2012 में हारना पड़ा था जिसके बाद उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था. आयु अधिक होने के कारण उन्हें ब्राह्मण राजनीति के लिए जाना जाता था.
दरअसल हरिशंकर तिवारी को पूर्वांचल के बड़े नेता के रूप में देखा जाता था. इतना ही नहीं वह लोकतांत्रिक कांग्रेस के संस्थापक भी थे. उन्होंने गोरखपुर के धर्मशाला बाजार के तिवारी हाता में अंतिम सांस ली है. बड़हलगंज के टांड़ा गांव में जन्मे हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार का राजनीतिक जीवन काफी अहम रहा है. वह छह बार विधायक रहे थे. उन्होने कल्याण सिंह से लेकर मुलायम सिंंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार में कई विभागों के मंत्री के रूप में काम किया. हरिशंकर तिवारी के निधन के समय उनके बड़े बेटे पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और पूर्व विधायक विनय शंकर घर पर ही मौजूद रहे.
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