लखनऊ। यूपी के बुलंदशहर की जिला अदालत ने लव जिहाद से जुड़े एक मामले में 12 कल फैसला सुनाया है। बुधवार को अदालत ने आरोपी मोहम्मद यूनुस को 10 साल की कारावास और 35 हजार रुपयों का जुर्माना लगाया है। आरोपी व्यक्ति पैर से विकलांग है। उसके ऊपर आरोप है कि साल 2013 में एक विवाहित महिला को भगा ले गया और फिर उसके साथ रेप करके उसका धर्म परिवर्तन करा दिया।

हिंदू परिवार की बेटी को लेकर भागा

बुलंदशहर पुलिस के मुताबिक मोहम्मद अली का बेटा यूनुस मूल रूप से अमरोहा जिले के गांव इकड़ा का रहने वाला है। उसके खिलाफ बुलंदशहर के खुर्जा नगर थाने में 7 जून 2013 को एक हिंदू परिवार ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में उस पर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी को अगवा करने का आरोप था। उसके खिलाफ आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 363, 366 और 376 के तहत कार्रवाई की गई।

एक्टिव रही पुलिस

पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी कर 3 सितंबर 2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। ​​इसके बाद पुलिस ने इस केस की प्रभावी पैरवी की। कुल 6 लोगों ने यूनुस के खिलाफ गवाही दी। मामले की सुनवाई जज तरुण मोहित निंगम की कोर्ट में हुई। सरकारी पक्ष की ओर से विजय कुमार शर्मा और ईशान चौधरी ने पैरवी की और यूनुस को कड़ी सजा देने की मांग की गई। अब उसे 10 साल की सजा सुनाई गई है।

जानिए क्या है मामला

बुलंदशहर के खुर्जा नगर कोतवाली का मामला है। महिला की शादी अलीगढ़ मे हुई थी और वह अपने मायके आती-जाती थी। उसे विकलांग मोहम्मद यूनुस ने अपने जाल में फंसा लिया। यूनुस जून 2013 में महिला और उसकी 10 साल की बेटी को लेकर भाग गया। बाद में पुलिस ने महिला को बरामद कर लिया। महिला ने कहा कि यूनुस उसको अगवा करके ले गया था। वर्षों तक उसे बंधक बनाकर रेप करता रहा। उसने उसका धर्म परिवर्तन भी करा दिया।

 

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