हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में दो दिन पहले ख़बर आई थी कि एक साल का मासूम बच्चा बोरवेल में जा गिरा था. यह बोरवेल लगभग 60 फ़ीट गहरा था. बता दें, कड़ी मशक्क़त के बाद अब बच्चे को बचा लिया गया है. ख़बर के सामने आते ही इलाके में हड़कंप का माहौल था. आनन […]
हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में दो दिन पहले ख़बर आई थी कि एक साल का मासूम बच्चा बोरवेल में जा गिरा था. यह बोरवेल लगभग 60 फ़ीट गहरा था. बता दें, कड़ी मशक्क़त के बाद अब बच्चे को बचा लिया गया है. ख़बर के सामने आते ही इलाके में हड़कंप का माहौल था. आनन फानन में को पुलिस मामले की इत्तिला दी गई. जिसके बाद पुलिस ने NDRF को जानकारी दी थी.
करीबन 4-5 घंटे तक रेस्क्यू के बाद इस बच्चे को सही-सलामत निकाल लिया गया. बता दें, यह बच्चा मूक़बधिर है जिसका नाम मुआविया बताया जा रहा है. घटना के बाद बोरवेल के पास से लगातार बच्चे के रोने की आवाज़ आ रही थी. लेकिन टीम ने पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी कि बच्चे को बचा लिया जाएगा। बच्चे को सही सलामत निकालने के बाद अस्पताल में दाख़िल किया गया है.
खबर है कि घटना में पीड़ित बच्चे को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन (National Child Health Mission) के सुपुर्द कर दिया है. क्योंकि बच्चा मुक़बधिर है तो अब इसकी कोक्लियर इंप्लांट (Cochlear Implant) सर्जरी की जाएगी। इस सर्जरी के लिए बच्चे को अब कानपुर रेफर किया जाएगा। ख़बर के मुताबिक, मासूम बच्चे की सीटी स्कैन की रिपोर्ट सामान्य आई है. अब बच्चे की सर्जरी की जाएगी जिसके ज़रिए वह बोलने-सुनने की क़ाबिलियत हासिल कर सकेगा।
बताया गया है कि बच्चा गरीब घर से ताल्लुक रखता है. इस वजह से CM योगी ने बच्चे के मुफ़्त इलाज़ का ऐलान किया है. परिवार के लोगों ने CM योगी का शुक्रिया अदा किया है. इस इलाज में करीब 8 लाख रूपए का खर्चा बताया गया है, जो कि अब योगी सरकार की तरफ मुफ़्त में किया जायेगा। योगी के इस फैसले के बाद बच्चे के परिजनों में खुशी का माहौल है और बच्चे की माँ समरीन और पिता मोहसिन का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि अब उनका बच्चा बोल भी सकेगा।
इस मामले में पीड़ित बच्चे के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई थी. परिजनों का कहना था कि, उनका बच्चा बोल नहीं पाता है और ना ही सुन पाता है और उन लोगों के पास इलाज कराने के लिए पैसे भी नहीं है. बच्चे के पिता मोहसिन मजदूरी करते हैं. इसी से उनका और उनके घर का गुज़ारा होता है. इस घटना के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने बच्चे के इलाज के लिए जिम्मेदारी ले ली. अब बच्चे को कानपुर भेजा जाएगा। बच्चे का मुफ़्त इलाज होगा जिससे बच्चा सुन भी सकेगा और बोल भी सकेगा।
सरकार के इस फैसले से बच्चे के परिजन काफी ख़ुश है. बच्चे के दादा कदीर और दादी ईश्वरजहां का कहना है कि उन्हें इस फैसले पर यकीन नहीं हो रहा है. इस मामले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन (National Child Health Mission) ने मूक़बधिर बच्चे तमाम रिपोर्ट तलब कर ली हैं. इस बच्चे की सर्जरी की मंजूरी मिल गई है. अब मुआविया (बच्चे का नाम) की एक्टिविटी अब ठीक है, वह खेलकूद के साथ दूध भी पी रहा है.