नेपाल-भारत सीमा पर नाकेबंदी को लेकर चिंतित हैं बान की मून

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने नेपाल-भारत सीमा पर आवश्यक आपूर्तियां रोके जाने और अप्रैल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय अभियानों पर पड़े विपरीत असर को लेकर एक बार फिर चिंता जाहिर की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बान के प्रवक्ता ने कहा, "बान अपहरण, और जीवनरक्षक चिकित्सा आपूर्तियों को नष्ट किए जाने और मानवीय अभियानों पर लगातार पड़ रहे असर की रिपोर्टों से चिंतित हैं."

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नेपाल-भारत सीमा पर नाकेबंदी को लेकर चिंतित हैं बान की मून

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  • November 21, 2015 11:59 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने नेपाल-भारत सीमा पर आवश्यक आपूर्तियां रोके जाने और अप्रैल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय अभियानों पर पड़े विपरीत असर को लेकर एक बार फिर चिंता जाहिर की है.
 
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बान के प्रवक्ता ने कहा, “बान अपहरण, और जीवनरक्षक चिकित्सा आपूर्तियों को नष्ट किए जाने और मानवीय अभियानों पर लगातार पड़ रहे असर की रिपोर्टों से चिंतित हैं.”
 
बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने भी भारत के साथ लगी नेपाली सीमा चौकियों पर नाकेबंदी के प्रति चेताया है. नेपाल में यह संकट नए संविधान को लेकर पैदा हुआ है. संविधान पर 20 सितंबर को अंतिम रूप से हस्ताक्षर हुआ था. 
 
इसे लेकर जातीय मधेसी राजनीति दलों के सदस्यों का कहना है कि नया संविधान उन्हें संसद और सार्वजनिक पदों में निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की गारंटी देने में विफल रहा है. सितंबर से शुरू विरोध प्रदर्शनों के कारण भारत के साथ लगी सीमा चौकियां बंद हैं, जिसके कारण नेपाल में पेट्रोल, रसोई गैस और अन्य आवश्यक आपूर्तियों का घोर संकट पैदा हो गया है.
 
IANS

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