लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद अंबेडकर स्मारक से लगी एक दीवार गिराने पर विवाद खड़ा हो गया है. बीएसपी दीवार को स्मारक का हिस्सा बताते हुए इस कार्रवाई के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से दीवार गिराने पर लगा स्टे हटाने के बाद ही दीवार गिराई गई है.
बता दें कि यह दीवार एक बहुत चौड़ी सड़क को बीच में बंद कर बनाई गई थी, जिससे गोमती नगर इलाके के एक बड़े हिस्से में जाने के लिए बहुत लंबा चक्कर लगाना पड़ता था. यहां के निवासी इसके खिलाफ अदालत गए थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से दीवार गिरवाने की गुजारिश की थी. हाईकोर्ट ने इसकी मंजरी भी दे थी, लेकिन तबकी मायावती सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के ऑर्डर के खिलाफ स्टे ले लिया था. कुछ वक्त पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस स्टे ऑर्डर को वापस ले लिया. इसके बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है.
इस सड़क के खुल जाने से गोमती नगर एक्सटेंशन की तरफ जाने का रास्ता बहुत छोटा हो जाएगा. यह वह इलाका है जहां नया लखनऊ बस रहा है लेकिन धरने का नेतृत्व कर रहे बीएसपी विधायक दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि सरकार ने यह कदम सियासी रंजिश की वजह से उठाया है, जिसमें उनकी दलित महापुरुषों से भेदभाव की भावना भी शामिल है.