नई दिल्ली. शीतकालीन सत्र अगले सप्ताह से हो रहा है. जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने असहिष्णुता के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. वे इस मुद्दे को बड़े स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. इससे शीतकालीन सत्र हंगामेदार हो सकता है.
अगर शीतकालीन सत्र में हंगामा हुआ तो जीएसटी समेत कई महत्वपूर्ण बिल को पारित करवाने पर केंद्र सरकार नाकाम होगी. इस सत्र में कांग्रेस का हमला केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पर भी हो सकता हैं, जिन्होंने हरियाणा में एक दलित परिवार के दो बच्चों की जलने से मौत के मामले में ‘कुत्ते’ वाला बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था.
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा कि पार्टी ने ललितगेट विवाद में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे और व्यापम घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग भी नहीं छोड़ी है. वे इस मांग को फिर संसद में फिर उठाएंगे. जीएसटी पर पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि अगर पार्टी की चिंताओं पर ध्यान दिया गया तब ही वह विधेयक पारित कराने में मदद करेगी.