नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को मनी लांडरिंग का एक मामला दर्ज कर लिया है. वीरभद्र के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सितंबर में दर्ज एक आपराधिक मामले पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं.
सूत्रों के अनुसार ईडी दो दिनों के भीतर वीरभद्र और केस से जुड़े लोगों से पूछताछ कर सकती हैं. बता दें कि ईडी की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि वीरभद्र और उनके परिवार के सदस्यों ने 2009 और 2011 के बीच आखिर कैसे ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये कथित तौर पर जमा कर लिए. इस दौरान वीरभद्र केंद्रीय इस्पात मंत्री थे.
सीबीआई वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बीमा एजेंट आनंद चौहान और चौहान के भाई सी.एल. चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत पहले भी एक प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है.
जानकारी के मुताबिक वीरभद्र पर आरोप है कि 2009-11 के दौरान उन्होंने अपने और अपने परिवार के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एजेंट चौहान के जरिए 6.1 करोड़ रुपये निवेश किया था. उन्होंने इस धनराशि को कृषि आय बताया था. साथ ही जांच एजेंसी का आरोप है कि वीरभद्र ने 2012 में नया आयकर रिटर्न दाखिल कर इस धनराशि को कृषि आय के रूप में वैध बनाने की कोशिश की थी.