बारिश और ओलावृष्टि से आम भी बर्बाद, कम होगी निर्यात

लखनऊ. तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है. खराब मौसम के कारण आम के पेड़ों पर लगे बौर गिर गए हैं. इसका असर इस बार उत्पादन पर भी पड़ेगा.

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बारिश और ओलावृष्टि से आम भी बर्बाद, कम होगी निर्यात

Admin

  • April 16, 2015 2:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

लखनऊ. तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है. खराब मौसम के कारण आम के पेड़ों पर लगे बौर गिर गए हैं. इसका असर इस बार उत्पादन पर भी पड़ेगा. बीते दो सालों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की फल पट्टी क्षेत्र सहारनपुर और मेरठ मंडल के जिलों में आम की फसल में कमी आई है. इस बार फरवरी के आखिरी सप्ताह, मार्च और अप्रैल की शुरुआत में आई आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. 

पिछले साल भी फरवरी में हुई बारिश और फिर जून की तेज गर्मी से आम की 40 फीसदी फसल बर्बाद हो गई थी. बागवानों की मानें तो अब अगर मौसम सामान्य भी रहता है तो दशहरी की बची खुची फसल को बाजार में आने में देर लगेगी और यह जुलाई से पहले नहीं पक सकेगी. बता दें कि खाड़ी देशों, यूरोप और अमेरिका में हर साल 150 से 200 टन आम उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बरेली सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर के स्याना, गुलावठी, शिकारपुर फल पट्टी क्षेत्र से भेजे जाते हैं. पिछले साल फसल खराब होने से केवल 40 टन आम ही बाहर भेजा सका था. इस बार इतना निर्यात हो पाना संभव नहीं है. 

IANS

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