श्रीनगर. अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रैली में पाकिस्तानी झंडा लहराने का विवाद गहराता ही जा रहा है. बीजेपी ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश विरोधी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उधर, अलगाववादी नेता गीलानी और मसर्रत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. बताया जा रहा है कि रैली में […]
श्रीनगर. अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रैली में पाकिस्तानी झंडा लहराने का विवाद गहराता ही जा रहा है. बीजेपी ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश विरोधी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उधर, अलगाववादी नेता गीलानी और मसर्रत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. बताया जा रहा है कि रैली में मसर्रत ने रैली में लोगों से पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगवाए.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके में अलगाववादियों की एक रैली में न केवल पाकिस्तानी झंडे दिखे बल्कि पाकिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए गए. इस रैली में हाल ही में रिहा किए गए अलगाववादी नेता मसर्रत आलम और सैयद अली शाह गिलानी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि इस रैली का आयोजन मसर्रत आलम ने किया था ताकि वह गिलानी का कश्मीर में स्वागत कर सकें. गिलानी काफी समय से दिल्ली में रह रहे थे.
गिलानी की पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) का कहना है कि दिल्ली में 85 वर्षीय गिलानी अपना इलाज करा रहे थे. इस बीच उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित से दो बार मुलाकात भी की. मसर्रत आलम पर आरोप है कि उसने 2010 में लगातार कई विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया, जिससे कई कश्मीरी महीनों तक सेना और पुलिस के लिए सिर दर्द बने रहे. इन हिंसक झड़पों में करीब 100 लोगों की जान भी गई.
मसर्रत आलम की रिहाई हाल में तब विवादों में आ गई थी जब भाजपा के साथ पीडीपी की सरकार बनी और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने. गिलानी ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का सीमा विवाद नहीं है, बल्कि यह राज्य के एक करोड़ लोगों का मुद्दा है. उन्होंने कहा, हम यथास्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे और आत्म-निर्णय के अधिकार को हासिल करने के लिए जद्दोजहद जारी रहेगी. हम शिमला समझौते या लाहौर घोषणा को स्वीकार नहीं करेंगे.