अंधविश्वास: छोटे बच्चों को गोबर में फेंककर करते हैं शुद्ध

भारत 21वीं सदी में प्रवेश कर चुका है लेकिन अंधविश्वास से जुड़ी कुछ परंपराएं आज भी सिर शर्म से झुका देती हैं. ध्य प्रदेश के बैतूल में ऐसी ही हैरान कर देने वाली एक प्रथा है. इसमें छोटे बच्चों को बेरहमी से गोबर में फेंककर कर पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा के अवसर पर यह 'अत्याचार' होता है.

Advertisement
अंधविश्वास: छोटे बच्चों को गोबर में फेंककर करते हैं शुद्ध

Admin

  • November 13, 2015 6:08 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
भोपाल. भारत 21वीं सदी में प्रवेश कर चुका है लेकिन अंधविश्वास से जुड़ी कुछ परंपराएं आज भी सिर शर्म से झुका देती हैं. ध्य प्रदेश के बैतूल में ऐसी ही हैरान कर देने वाली एक प्रथा है. इसमें छोटे बच्चों को बेरहमी से गोबर में फेंककर कर पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा के अवसर पर यह ‘अत्याचार’ होता है.
 
यहां बच्चों को निरोगी रखने के नाम पर गोवर्धन की गोद में बिठाया और लिटाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यदि भगवान गोवर्धन की गोद में बच्चों के बैठने से उन्हें किसी भी प्रकार बीमारियां नहीं होती हैं और वे स्वस्थ रहते हैं. इसलिए यह आयोजन किया जाता है. प्रशासन इस पर खामोश रहता है.
 
इसके साथ ही दूसरी तस्वीर झाबुआ की है, जहां लोग दीवाली के अगले दिन मनाए जाने वाले गाय गोहरी के पर्व के दौरान गाय-बैलों के पैरों के नीचे लेट जाते हैं. लोगों का अंधविश्वास है कि ऐसा करने से उनकी मन्नत पूरी हो सकती है. इस जानलेवा परंपरा में बहुत से लोग घायल होते हैं और जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है.

Tags

Advertisement