नई दिल्ली. भारती एयरटेल ने नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांत का समर्थन करती है और उसके शुल्क रहित डाटा प्लेटफार्म एयरटेल जीरो के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं. कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘एयरटेल नेट न्यूट्रैलिटी का पूरी तरह समर्थन करती है. हमारा शुल्क मुक्त डाटा प्लेटफार्म एयरटेल जीरो को लेकर कुछ भ्रांतियां फैली हुई हैं. एयरटेल जीरो एक विपणन प्लेटफार्म है, जो किसी भी एप्लीकेशन या सामग्री प्रदाता को अपनी सेवा निशुल्क अपने एयरटेल नेटवर्क पर मौजूद अपने ग्राहकों तक पहुंचाने की सुविधा देता है. ग्राहक के पास डाटा पैक हो या नहीं हो, वह बिना शुल्क टोल फ्री सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे. प्लेटफार्म पर किसी भी साइट को किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं किया जाएगा और किसी भी साइट को अधिक तरजीह नहीं दिया जाएगा. टोल मुक्त प्लेटफार्म सभी सामग्री प्रदाता के लिए बिना भेद-भाव के लिए खुला है और यह 1-800 टोल मुक्त वॉयस सेवा के समान सिद्धांत पर काम करता है.’
नेट नेट न्यूट्रैलिटी पर होता असर
नेट न्यूट्रैलिटी ऐसा नियम है, जिसके द्वारा इंटरनेट कपंनियां और सरकार सभी यूजर्स से हर एप्लिकेशन या इंटरनेट ब्राउज करने के लिए एक ही जैसा चार्ज लेती है, लेकिन अगर ‘जीरो प्लान’ लागू हुआ तो आपको एप्स के लिए अलग प्लान लेना होगा. ट्राई ने फिलहाल नेट न्यूट्रैलिटी पर कोई फैसला नहीं लिया है. ट्राई ने नेट न्यूट्रैलिटी के संबंध में दूरसंचार कंपनियों से 24 अप्रैल और यूजर्स से 8 मई तक सुझाव देने के लिए कहा है. नेट न्यूट्रैलिटी को बरकरार रखने के मुद्दे पर छिड़े अभियान का असर ये हुआ कि रेग्युलेटरी बॉडी ट्राई को इतनी भारी संख्या में लोगों के मेल मिले कि उसका सर्वर काम नहीं कर रहा है और मेल बॉक्स भर गया है.
IANS
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