चंडीगढ़. वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को उजागर करने वाले हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका को वर्तमान बीजेपी सरकार ने बड़ी राहत दी है. सरकार ने खेमका की चार्जशीट को ड्रॉप कर दिया है. खेमका पर कांग्रेस सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर म्यूटेशन रद्द करने के तहत चार्जशीट दायर की थी. इस चार्जशीट की वजह से खेमका को विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही थी और उनका केंद्र में डेपुटेशन भी अटका हुआ था.
खेमका ने खट्टर से की थी मुलाक़ात
सूत्रों के अनुसार आईएएस अशोक खेमका ने पिछले महीने ही सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी. सीएम ने उन्हें उनकी ओर से दिए गए चार्जशीट के जवाब के संबंध में बुलाया था. खेमका ने चार्जशीट का जवाब फरवरी में ही दे दिया था. इसके बाद सीएम खट्टर को ही चार्जशीट पर फैसला लेना था. उल्लेखनीय है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने पहले ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लगाया, लेकिन कुछ दिन बाद ही उन्हें फिर से आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियम डिपार्टमेंट में भेज दिया गया.
वाड्रा-DLF घोटाला किया था उजागर
वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील उजागर करने के कारण पिछली सरकार ने 11 अक्टूबर, 2012 को रात 10 बजे खेमका का ट्रांसफर किया. अगले दिन 12 अक्टूबर को खेमका ने लाइसेंस की कालाबाजारी मानते हुए जांच के आदेश दिए. इसी दिन उन्होंने अपने ट्रांसफर के खिलाफ चीफ सेक्रेटरी को ज्ञापन देकर जांच की मांग की. इसके तीन दिन बाद 15 अक्टूबर, 2012 को खेमका ने डीएलएफ का म्यूटेशन रद्द कर दिया और उसी दिन पुरानी पोस्ट का चार्ज छोड़ दिया. खेमका के ज्ञापन पर पिछली कांग्रेस सरकार ने तीन आईएएस की एक जांच कमेटी बनाई. कमेटी ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीनचिट दे दी थी. इसी आधार पर हुड्डा सरकार ने 4 दिसंबर, 2013 को अशोक खेमका को चार्जशीट कर दिया था.