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पति-पत्नी की तरह रहने वाले माने जाएंगे मैरिड: SC

सुप्रीम कोर्ट ने 'लिव इन रिलेशनशिप' पर अहम फैसला सुनाते हुए अपने एक आदेश में कहा है कि अगर बिना शादी किए कोई जोड़ा एक साथ पति-पत्नी की तरह रहा है तो दोनों कानूनी रूप से शादीशुदा माने जाएगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान अगर पुरूष साथी की मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति पर महिला साथी का कानूनन अधिकार होगा और वह उसकी वारिस मानी जाएगी.

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  • April 14, 2015 2:30 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने ‘लिव इन रिलेशनशिप’ पर अहम फैसला सुनाते हुए अपने एक आदेश में कहा है कि अगर बिना शादी किए कोई जोड़ा एक साथ पति-पत्नी की तरह रहा है तो दोनों कानूनी रूप से शादीशुदा माने जाएगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान अगर पुरूष साथी की मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति पर महिला साथी का कानूनन अधिकार होगा और वह उसकी वारिस मानी जाएगी.
 
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमवाई इकबाल और जस्टिस अमिताव रॉय की बेंच ने यह आदेश सुनाते हुए कहा कि लगातार शारीरिक संबंध बनाने वाले कपल को विवाहित ही माना जाएगा. इस तरह के मामले में दूसरे पक्ष को यह साबित करना होगा कि वे (कपल) कानूनी रूप से शादीशुदा नहीं हैं.
 
बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा, ”जब कोई पुरूष और महिला लंबे समय तक साथ रहते हैं तो ऐसे कई फैसलों में यह स्पष्ट किया गया है कि कानून बिना विवाह के साथ रहने के खिलाफ है जबकि शादी के पक्ष में रहता है. हालांकि स्पष्ट सबूत के साथ दूसरा पक्ष इसे खारिज कर सकता है. कानूनी रूप से रिलेशनशिप को खत्म करने की मांग करने वाली पार्टी के ऊपर काफी बोझ होता है.”
 
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में अपने फैसले में पति-पत्नी के तौर पर साथ रहने वाले कपल के मामलों में महिला को वाइफ का अधिकार दिया है. कोर्ट ने यह फैसला एक परिवार के प्रॉपर्टी विवाद को लेकर दिया है. एक परिवार ने यह दावा किया है कि उनके दादा अपनी पत्नी की मौत के बाद 20 सालों से एक औरत के साथ ‘लिव इन रिलेशनशिप’ में रहते थे. परिवार का दावा है कि दोनों ने शादी नहीं की थी इसलिए उस महिला को दादा की मौत के बाद उनकी प्रॉपर्टी पर कानूनी रूप से कोई अधिकार नहीं है.

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