नई दिल्ली. बीफ पर उपजे विवाद में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है. दिल्ली में आज से शुरू हो रहे जीविका एशिया लाइवलीहुड डॉक्यूमेंट्री फेस्टिवल में 21 मिनट की एक फिल्म को सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया क्योंकि फिल्म में बीफ खाने की हैबिट पर चर्चा की गयी है. फिलहाल इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने फिल्म को सर्टिफिकेट देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है.
2014 में बनी इस डॉक्यूमेंट्री का टाइटल है, ‘Caste on the Menu Card’ जो मुंबई में बीफ खाने की परंपरा पर आधारित है. फिल्म को आज शाम पांच बजकर दस मिनट पर दिखाया जाना था. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, आज से दिल्ली में 12वां जीविका एशिया लाइवलीहुड डॉक्यूमेंट्री फेस्टिवल शुरू किया जा रहा है, जहां पर इस साल 35 फिल्मों को सर्टिफिकेशन प्रोसेस से छूट दिए जाने के लिए इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री को भेजा गया था. सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी (CCS)के मुताबिक, उन्हें बताया गया है कि सिर्फ बीफ पर बनी फिल्म को सर्टिफिकेशन प्रोसेस से छूट नहीं दी जा सकती. CCS के मुताबिक, छूट न दिए जाने का कारण देश में बीफ बैन को लेकर बने राजनीतिक माहौल की दलील दी गई.
आफको बता दें कि फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्रीज को सर्टिफिकेशन से छूट दिया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है. I&B मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि Caste on the Menu Card डॉक्यूमेंट्री को छूट इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि फिल्म के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई. हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा है कि पूरी जानकारी मुहैया कराए जाने पर वे इस मामले पर दोबारा से विचार कर सकते हैं. फिल्म को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के स्कूल ऑफ मीडिया एंड कल्चरल स्टडीज के स्टूडेंट्स से बनाया है. स्टूडेंट्स ने कहा कि उन्हें मंत्रालय के इस फैसले से काफी धक्का लगा है. वहीं, फेस्टिवल के डायरेक्टर मनोज मैथ्यू ने कहा, हमें पहली बार इस तरह के हालात का सामना करना पड़ रहा है.