किसानों की नहीं सुनी, मोबाइल पर लड़कियां देखते रहे अफसर

एक तरफ देश में किसानों की बुरी दुर्दशा है जिसके कारण किसानों की ख़ुदकुशी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बढ़ती मंहगाई के लिए भी खेती की दुर्दशा को जिम्मेदार मन जा रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के दो मामले सरकार के मंत्री और अधिकारियों की किसानो के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाते हैं.

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किसानों की नहीं सुनी, मोबाइल पर लड़कियां देखते रहे अफसर

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  • October 27, 2015 8:45 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
भोपाल. एक तरफ देश में किसानों की बुरी दुर्दशा है जिसके कारण किसानों की ख़ुदकुशी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बढ़ती मंहगाई के लिए भी खेती की दुर्दशा को जिम्मेदार मन जा रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के दो मामले सरकार के मंत्री और अधिकारियों की किसानो के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाते हैं.
 
पहला मामला मध्य प्रदेश के मुरैना का है. यहां एडीजीपी सुशोभन बनर्जी सूखा पीड़ित किसानों की समस्याएं सुन रहे थे लेकिन वहीं बैठे एसडीएम अजय कटेसरिया और सर्वेश यादव फेसबुक पर लड़कियां देख रहे थे. वहीं दूसरे मामले में मध्यप्रदेश सरकार की मंत्री कुसुम मेहदेले ने किसानों की खुदकुशी को लेकर एक विवादित बयान दिया है. मंत्री के अनुसार किसान सूखे की वजह से खुदकुशी नहीं करते.
 
एमपी की ग्रामोद्योग मंत्री कुसुम मेहदेले ने कहा है कि जब जवान बेटे की मौत पर कोई खुदकुशी नहीं करता, सूखा उससे बड़ा संकट तो नहीं है. हलांकि उन्होंने माना कि किसान खुदकुशी कर रहे हैं लेकिन जवान बेटे की मौत से जोड़कर कहा कि किसान खुदकुशी न करें.

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