कंडोम दवा नहीं, सरकार दाम नहीं तय कर सकती: मद्रास HC

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि कंडोम कोई दवा नहीं है इसलिए ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के तहत इसकी अध‍िकतम कीमत तय नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने जुलाई, 2015 में दि‍ल्‍ली हाईकोर्ट के फैसले के लाइन पर ही अपना फैसला सुनाया है.

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कंडोम दवा नहीं, सरकार दाम नहीं तय कर सकती: मद्रास HC

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  • October 23, 2015 8:41 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि कंडोम कोई दवा नहीं है इसलिए ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के तहत इसकी अध‍िकतम कीमत तय नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने जुलाई, 2015 में दि‍ल्‍ली हाईकोर्ट के फैसले के लाइन पर ही अपना फैसला सुनाया है.
 
नवंबर, 2013 और जुलाई, 2014 में जारी किए गए नेशनल फार्मास्‍युटिकल्‍स प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) के आदेश के बाद सरकार को दवाओं के अधिकतम मूल्य निर्धारित करने का अधिकार मिल गया था. सरकार ने कंडोम को DPCO में शामिल किया था. इसी आदेश के खिलाफ टीटीके प्रोटेक्‍िटव डिवाइस लिमिटेड की ओर से याचिका दायर की गई थी. 
 
रेकिट बेंकाइजर और जेके अंसल लिमिटेड ड्यूरेक्‍स, कोहिनूर और कामसूत्र ब्रांड के कंडोम बनाती है. इन दोनों कंपनियों ने एनपीपीए के आदेश के खिलाफ कोर्ट में केस किया था. चेन्‍नई की कंपनी टीटीके प्रोटेक्‍िटव डिवाइस लिमिटेड ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.  
 
चीफ जस्टिस संजय कृष्‍णन कौल और जस्टिस टीएस शिवागनानम ने कहा कि उनका फैसला जुलाई में दिल्‍ली हाईकोर्ट के आए फैसले के साथ है जिसके जरिए 2013 और 2014 में जारी एनपीपीए के आदेश को खारिज कर दिया था. 

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