नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी रिश्तेदारों की जासूसी को लेकर विवाद के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कल कहा कि किसी पर नजर रखना किसी सरकार का आम दस्तूर है और कुछ वर्ष पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनपर भी नजर रखी जा रही थी.
नासिक. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी रिश्तेदारों की जासूसी को लेकर विवाद के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कल कहा कि किसी पर नजर रखना किसी सरकार का आम दस्तूर है और कुछ वर्ष पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनपर भी नजर रखी जा रही थी.
खुफिया ब्यूरो द्वारा हाल में सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के अनुसार सुभाष चंद्र बोस के करीबी रिश्तेदारों पर दो दशक तक नजर रखी गई. इनमें से ज्यादातर जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहने के दौरान किया गया. पवार ने कहा, ‘‘नजर रखना किसी भी सरकार की सामान्य कवायद है.
उसका मतलब यह नहीं है कि जासूसी की जा रही है. यहां तक कि जब मैं महाराष्ट्र का गृह मंत्री था तो मुझपर भी नजर रखी जा रही थी.’’ उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों पर नजर उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए रखी गई होगी. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन :सुभाष चंद्र बोस: का मुद्दा बेहद पुराना है. इतने वर्ष गुजर गए हैं. इस तरह की चीजें अब क्यों उठाई जा रही हैं.’’