2018 में करवट लेगी राजनीति, इन 8 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से तय होगी 2019 की रणनीति

साल 2018 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चार बड़े राज्यों कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. त्रिपुरा में इस बार मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है.

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2018 में करवट लेगी राजनीति, इन 8 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से तय होगी 2019 की रणनीति

Aanchal Pandey

  • January 1, 2018 5:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः साल 2018 शुरू हो चुका है. राजनीति की बिसातें बिछाने की तैयारियां भी शुरू हो चुकीं हैं. इस साल देश में आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चार बड़े राज्यों कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. त्रिपुरा में इस बार मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है. अगले साल 2019 में लोकसभा चुनाव होंगे और जाहिर सी बात है कि इन 8 राज्यों के चुनावी नतीजे लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कितना फर्क डालेंगे, यह सर्वविदित है. बीजेपी 2019 की तैयारी के मद्देनजर इस साल सत्ता पर काबिज बने रहने के लिए चुनावी मैदान में उतरेगी तो कांग्रेस के पास खोने के लिए तो कुछ खास नहीं लेकिन खोई जमीन वापस पाने के लिए तो उसे चुनावी अखाड़े में उतरना ही पड़ेगा.

साल 2017 बीजेपी के लिए काफी बेहतर परिणाम लेकर आया. गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मिली जीत से बीजेपी फुल फॉर्म में नजर आ रही है तो हिमाचल में मिली हार से कांग्रेस जरूर निराश हुई है लेकिन राहुल गांधी की मेहनत से गुजरात में 19 सीटों पर बढ़त से राहुल गांधी और कांग्रेस का मनोबल काफी चरम पर है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बढ़े मनोबल के साथ बीजेपी पर हमलावर लग रहे हैं. 2018 में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, आइए उनके राजनीतिक गणित पर एक नजर डालते हैं:

कर्नाटक- वर्तमान में कांग्रेस अगर देश के किसी बड़े राज्य पर काबिज है तो वह कर्नाटक ही है. कर्नाटक में इसी साल अप्रैल-मई में चुनाव होंगे. बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी ने दो नवंबर से पूरी तैयारी के साथ कर्नाटक में 75 दिनों तक चलने वाली ‘नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन रैली’ की शुरुआत की थी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा रैली का नेतृत्व कर रहे हैं. येदियुरप्पा को विधानसभा चुनाव का सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है. वहीं सीएम सिद्धारमैया कुर्सी बचाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं.

मध्य प्रदेश- साल 2003 से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. साल के आखिरी महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होंगे. जनता के बीच मामा कहे जाने वाले शिवराज सिंह चौहान पिछले 12 वर्षों से सूबे की कमान संभाल रहे हैं. जन नेता शिवराज सिंह चौहान अपनी लो प्रोफाइल छवि के लिए जाने जाते हैं. इस बार व्यापमं, किसान विरोधी सरकार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस राज्य में अपनी जमीन तलाश रही है. सूबे के तीन बड़े कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच की गुटबाजी खत्म करना भी कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ में भी 2003 से बीजेपी की सरकार है. यहां भी साल के आखिरी में चुनाव होगा. सूबे के मुखिया रमन सिंह तीन बार से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. आदिवासी बहुल इस राज्य में कांग्रेस यहां सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की फिराक में है तो मुख्यमंत्री रमन सिंह की कोशिश रहेगी कि एक बार फिर बीजेपी की सरकार बने और उनके सिर पर सीएम पद का ताज सजे.

राजस्थान- मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही साल के अंत में यहां चुनाव होना है. पिछले चुनाव की तरह इस बार बीजेपी को कांग्रेस से यहां कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है. वसुंधरा राजे के नेतृत्व में पिछली बार बीजेपी ने राज्य की 200 में से 163 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात चुनाव में बतौर राज्य प्रभारी अपनी कड़े तेवरों का एहसास करा चुके हैं.

नागालैंड- नागाल पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की नागालैंड में सरकार है. टीआर जेलियांग के नेतृत्व वाली इस सरकार का बीजेपी समर्थन कर रही है. नागालैंड लोकतांत्रिक गठबंधन नाम से इस वक्त बीजेपी का मौजूदा सरकार के साथ गठबंधन है. बीजेपी की इस साल चुनाव में पूरी कोशिश रहेगी कि नॉर्थ-ईस्ट के इस राज्य में भगवा परचम लहराया जाए.

मेघालय- मुकुल संगमा के नेतृत्व में यहां कांग्रेस की सरकार है. इस बार कांग्रेस को बीजेपी से कड़ी चुनौती मिल रही है. हाल में पूर्व उपमुख्यमंत्री रोवेल लिंगदोह समेत कांग्रेस के पांच विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. यह कांग्रेस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.

त्रिपुरा- पिछले 25 वर्षों से त्रिपुरा में सीपीएम सरकार है. माणिक सरकार राज्य के मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी इस बार माणिक सरकार के तख्तापलट की पूरी कोशिश में है. असम सरकार में मंत्री और नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस यानी NEDA के चेयरमैन हिमंत बिश्व शर्मा को इसकी कमान सौंपी गई हैं. संघ भी समूचे नॉर्थ-ईस्ट में भगवा लहराने की तैयारी कर रहा है. संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत तमाम संघ के बड़े पदाधिकारी लगातार इस समय नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के दौरे पर रहते हैं.

मिजोरम- हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली यात्रा के दौरान यहां तुईरिल हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला और कार्यक्रम में मौजूद जनता से राज्य सरकार को आगामी चुनाव में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.

 

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