गांधीनगर: कुछ साल पहले पूरी दुनिया में छाए कोरोना वायरस महामारी के बाद अब एक नए वायरस ने दस्तक दी है. इसे चांदीपुरा वायरस कहा जा रहा है. चांदीपुरा वायरस से गुजरात में अब तक आठ मौतें हो चुकी हैं. गुजरात में 8500 से ज्यादा घरों और 47 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. गुजरात सरकार ने सभी के लिए एडवाइजरी जारी की है. अब तक कुल 14 मामले सामने आए हैं, जिनमें 8 की मौत हो चुकी है. चांदीपुरा वायरस के फैलने के बाद देश की स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट मॉड पर हैं.
चांदीपुरा वायरस एक आरएनए वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है. मच्छरों में पाया जाने वाला एडीज इसके फैलने के लिए जिम्मेदार है. साल 1966 में पहली बार महाराष्ट्र में इससे जुड़ा मामला मिला था. इस वायरस की पहचान नागपुर के चांदीपुरा में हुई थी, इसलिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस रखा गया। वर्ष 2004 से 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में यह रिपोर्ट की गई।
15 वर्ष से कम आयु के बच्चे चांदीपुरा वायरस से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इस आयु के बच्चों में मृत्यु दर सबसे अधिक देखी गई है। चांदीपुरा के उपचार के लिए अभी तक कोई एंटी-वायरल दवा नहीं बनाई गई है।
चांदीपुरा वायरस के कारण रोगी को बुखार की शिकायत होती है।
रोगी में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं।
गंभीर इंसेफेलाइटिस होता है।
इंसेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन आ जाती है।
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