7th pay commission: सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर के प्रोफेसरों को मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर डिग्री कालेजों में मानदेय पर काम कर रहे एसोसिएट प्रोफेसरों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर निर्धारित वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने का फैसला दिया है.
प्रयागराज. 7th pay commission: सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर के प्रोफेसरों को मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर डिग्री कालेजों में मानदेय पर काम कर रहे एसोसिएट प्रोफेसरों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर निर्धारित वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने का फैसला दिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले से पूर्वांचल विवि के सैकड़ों प्रोफेसरों को बढ़ा हुआ वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार मानदये शिक्षकों को नियमित करने का विचार कर रही है. ऐसे में उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत नहीं लाने का कोई औचित्य नहीं बनता. इहालाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने डॉ. गणेश दीक्षित और दो अन्य लोगों की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान के इस बात पर विचार किया गया कि सरकार का कहना है कि मानदेय शिक्षकों को न्यूनतम वेतन के साथ डीए भी दिया जा रहा है. बता दें कि डीए समय-समय बढ़ता है. गौरतलब हो कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें मानदेय शिक्षकों पर लागू नहीं होता है. यह केवल नियमित शैक्षणिक कर्मियों पर भी लागू होता आया है. लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस तर्क को नहीं माना.
बताते चले कि हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने देश भर में संचालित तकनीकी संस्थानों के कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन दिए जाने का फैसला लिया था. जिसका फायदा शैक्षणिक कर्मियों को मिल रहा है. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले का लाभ जौनपुर स्थित पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मानदेय पर काम कर रहे एसोसिएट प्रोफेसरों को भी मिलेगा.
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