नई दिल्ली. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि पूरे विश्व में अकेले भारत में सबसे ज्यादा एसिड अटैक होते है. एसिड सर्वाइवर्स ट्रस्ट इंटरनेशनल(एएसटीआइ) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व भर में होने वाले 1500 एसिड अटैक में से अकेले भारत में सबसे ज्यादा 1000 दर्ज हुए हैं. देश में हर हफ्ते इससे जुड़े तीन से चार मामले दर्ज किए जाते हैं. ये हमलें ज्यादातर महिलाओं पर किए जाते है जिनमें घरेलू, भूमि और शादी के प्रस्ताव को ठुकराने के कारण उनपर एसिड अटैक किया जाता है और डर की वजह से ऐसे ज्यादातर केस रजिस्टर्ड नहीं किए जाते है.
भारत में लक्ष्मी पर हुए हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में कानूनी तौर पर एसिड की बिक्री पर रोक लगा दी थी लेकिन यह अपराध समाज में अब भी जारी है. भारत में एसिड हमलों को रोकने के लिए स्टॉप एसिड अटैक अभियान चल रहा है पर आज भी इसकी मौजुदगी के कई कारण है.एएसटीआइ के एक्सिक्यूटिव डायेरेक्टर जेफ शाह के अनुसार, ‘भारत के कई जगहों पर आज भी आसानी से एसिड की एक लीटर बोतल 50 रुपए में मिल जाती है.’
एसिड अटैक की मुख्य वजह क्या है?
गुस्से की भावना
भारत में मजबूत पितृ प्रधान समाज इस अपराध की जड़ में है. समाज में महिलाओं के साथ किस तरह बर्ताव करें इसमें बहुत समस्याएं हैं. जब कोई लड़की प्रेम के रिश्ते को ठुकरा देती है तो उसे एसिड अटैक का शिकार होना पड़ता है. गुस्सा दिखाने का ये तरीका एसिड अटैक का पहला कारण है.
दोषियों को देरी से सजा मिलना
यह बात सच है कि न्याय मिलने में देरी न्याय न मिलने के बराबर माना जाता है. यहीं वजह एसिड हमलें के लिए भी जिम्मेदार है. हमला करने वालों को सजा मिलने में देरी के कारण भविष्य में अपराध करने वालों में कानून का डर नहीं रहता. इसकी वजह से समाज में आए दिन हमलें की खबरें आती हैं.
एसिड की खुली में बिक्री
कानून बनने के बाद भी दूर-दराज इलाकों में एसिड की बिक्री देखी जाती है. नियमों को तोड़ कर आज भी एसिड को खुले में बेचा जाता है. लोग घरों की सफाई के लिए एसिड का इस्तेमाल करते हैं, साथ ही कई उद्योगों में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.