मुस्लिम औरत को घर में मिला मंदिर जो बन गया भाईचारे की मिसाल

सुगरा बी एक दिहाड़ी मजदूर हैं और मंदसौर कि इंदिरा कॉलोनी में रहतीं हैं. वे धर्म से मुसलमान हैं लेकिन जब उन्हें अपने घर के भीतरी हिस्से में एक पुराना मंदिर मिला तो उन्होंने एक ऐसी मिसाल कायम की जिसकी आज के भारतीय समाज को सबसे ज्यादा ज़रुरत है. सुगरा ने खंडहर का रूप ले चुके मंदिर की मरम्मत कराई और आज इलाके के लोग उसमें पूजा-अर्चना करते हैं.

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मुस्लिम औरत को घर में मिला मंदिर जो बन गया भाईचारे की मिसाल

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  • October 13, 2015 8:31 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
मंदसौर. सुगरा बी एक दिहाड़ी मजदूर हैं और मंदसौर कि इंदिरा कॉलोनी में रहतीं हैं. वे धर्म से मुसलमान हैं लेकिन जब उन्हें अपने घर के भीतरी हिस्से में एक पुराना मंदिर मिला तो उन्होंने एक ऐसी मिसाल कायम की जिसकी आज के भारतीय समाज को सबसे ज्यादा ज़रुरत है. सुगरा ने खंडहर का रूप ले चुके मंदिर की मरम्मत कराई और आज इलाके के लोग उसमें पूजा-अर्चना करते हैं. 
 
सुगरा बताती है मंदिर का पता लगने के बाद मैंने उसकी मरम्मत करने के बारे में सोचा. मैंने कॉलोनी के लोगों को इकट्ठा किया और सबसे 2 -2 रूपए का चंदा लिया जिससे हमने मंदिर को दोबारा बनाया. मंदिर की देखरेख के बारे में सुगरा कहती हैं ‘हिंदु-मुस्लिम सब लोग इस मंदिर का ख्याल रखते हैं, नवरात्री भी मनाते हैं. जब धर्म हममें फर्क नहीं करता तो हम ऐसा काम क्यों करें. दुर्गा तो पूरी दुनिया की मां है इसलिए मैंने मंदिर को दोबारा बनाने का फैसला किया.’
 
इस मंदिर को बनाने में गांव वालों की लगन और एकजुटता ने मध्यप्रदेश के इस साधारण से इलाके को असाधारण बना दिया है. कॉलोनी की एक मंदिर समिति भी है जिसमें हिंदु और मुसलमान सदस्य दोनों हैं. हर शाम शीतला माता के इस मंदिर में दोनों ही धर्म के लोग आरती करते हैं.  इंदिरा कॉलोनी के ही बाबू अमजद कहते हैं हमारी कॉलोनी का मौहाल बहुत अच्छा है. हम सब मिलजुल कर शांति से रहते हैं. मंदिर भी जाते हैं और मोहर्रम में वहां शर्बत भी बांटते हैं.

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