Categories: राज्य

शर्मनाक! हिमाचल के 1,117 स्कूलों में सिर्फ 1 टीचर

शिमला. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर यकीन किया जाए तो राज्य में 1,117 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य के कुछ हिस्सों में स्कूलों में अत्यधिक शिक्षक नियुक्त हैं. इसके बावजूद मौजूदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह राज्य में नए स्कूल और महाविद्यालय खोलते चले जा रहे हैं.

अपने मात्र दो वर्ष के कार्यकाल में वीरभद्र सिंह ने 100 प्राथमिक स्कूल और 16 महाविद्यालय शुरू किए हैं, जिसकी पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ‘राजनीतिक हथकंडा’ कहकर आलोचना कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार वीरभद्र सिंह इस मामले में जैसे राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके धूमल को पीछे छोड़ना चाह रहे हैं. उल्लेखनीय है कि अंग्रेजी के प्रख्याता रहे पूर्व मुख्यमंत्री धूमल राज्य में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए खासे लोकप्रिय रहे हैं.

कांग्रेस सरकार राज्य में चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ाना चाहती है और राज्य में तीन नए चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का वादा किया है, जिसकी घोषणा कांग्रेस की ही पूर्व केंद्र सरकार ने की थी. मुख्यमंत्री का कहना है कि हो रही आलोचनाओं के चलते वह राज्य में शिक्षा के सुधार की अपनी कोशिशों पर विराम नहीं लगाने वाले. उन्होंने कहा कि राज्य के ऐसे दूर-दराज के इलाकों में भी वह स्कूल खोलने से गुरेज नहीं करेंगे जहां सिर्फ दो बच्चे ही हों.

मुख्यमंत्री का कहना है कि किसी भी मामले में सुदूरवर्ती इलाकों में खुले नए स्कूलों में लड़कियों की संख्या अच्छी रहती है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा को बताया, “शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाते हुए हमने पिछले दो वर्षो में 16 महाविद्यालयों को अधिसूचित किया है, और उनमें से प्रत्येक के लिए 5-5 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया.”

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश देश के कुछ सबसे पढ़े लिखे राज्यों में शुमार है. राज्य की साक्षरता दर 82.8 फीसदी है, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 89.53 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 75.93 फीसदी है. दूसरी ओर धूमल का कहना है कि राज्य सरकार बिना पर्याप्त बुनियादी ढांचे और शिक्षकों के लगातार नए स्कूल खोलती जा रही है. वीरभद्र सिंह ने बताया कि राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री वाई. एस. परमार ने जब रामपुर कस्बे में पहला महाविद्यालय शुरू किया था तो उसमें सिर्फ 18 विद्यार्थी और 23 शिक्षक थे. उस समय भी परमार से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के अनुपात को लेकर विधानसभा में सवाल किए गए थे.

वीरभद्र सिंह ने कहा, “उस समय परमार ने कहा था कि यदि हमें शिक्षा का प्रसार करना है तो हमें लगातार शिक्षा के मंदिर खोलते रहने होंगे. आज राज्य में महाविद्यालयों की संख्या 2,500 पर पहुंच चुकी है.” उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षो में राज्य में 100 नए प्राथमिक स्कूल खोले गए, 160 प्राथमिक स्कूलों को बढ़ाकर माध्यमिक स्कूल किया गया, 233 माध्यमिक स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर हाई स्कूल कर दिया गया और 225 हाई स्कूलों को उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में तब्दील किया गया.
IANS

admin

Recent Posts

गूगल क्रोम चला खुद को बेचने, कैसे चलेगा इंटरनेट ?

भारत में भी अगर आप इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करना चाहते हैं तो लगभग…

20 minutes ago

एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते समय रखें इन बातों का खास ख्याल

कई हजार रुपए खर्च करने के बाद भी अगर एयर प्यूरीफायर प्रदूषण से राहत नहीं…

34 minutes ago

मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान, एक लाख पदों पर सरकारी भर्ती

मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश भर में साढ़े तीन लाख युवाओं…

46 minutes ago

जीजा साले का मजाल जान पर बनी, चली धुआंधार गोलियां

मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां…

58 minutes ago

पीएम मोदी ने गुयाना की संसद से दिया मानवता का संदेश, कहा- भारत हमेशा निभाता है अपना कर्तव्य

प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना की संसद में कहा कि हमने दिखा दिया है कि लोकतंत्र…

1 hour ago

नाना पाटेकर ने इस डारेक्टर को कहा बकवास आदमी, जानें क्या बिगाड़ा था इसने

नाना पाटेकर से जब पूछा गया कि उनके साथ काम करने से हर कोई क्यों…

1 hour ago