मुंबई. दादरी में बीफ की अफवाह के बाद हुई हिंसा और कन्नड़ साहित्यकार कुलबर्गी की हत्या के विरोध के बाद जाने-माने लेखकों का पुरस्कार लौटाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नया नाम उर्दू के मशहूर लेखक रहमान अब्बास का जुड़ा है जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार का उर्दू साहित्य पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है.
रहमान का कहना है कि देश की सियासी तस्वीर बिगड़ रही है और सरकारें नरेंद्र दाभोलकर, कॉमरेड गोविंद पंसारे और प्रोफेसर कुलबर्गी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अपनी तत्परता नहीं दिखा रही हैं. रहमान ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह उन ताकतों पर रोक लगाए जो भीड़ को उकसाकर दादरी में मोहम्मद अखलाक की हत्या कर देते हैं.
रहमान को उनके उपन्यास ‘खुदा के साए में आंख मिचौली’ के लिए महाराष्ट्र के उर्दू साहित्य अकादमी अवार्ड से नवाज़ा गया था. इससे पहले सारा जोसेफ, उदय प्रकाश, कवि अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल भी अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लौटा चुके हैं.
जावेद अख्तर, गुलजार, मुनव्वर राणा से भी अवार्ड लौटाने की अपील:
रहमान ने लेखकों के नाम खुले ख़त में निदा फाजली, सलाम बिन रज्जाक, अब्दुस समद, जावेद अख्तर, गुलजार, मुनव्वर राणा सहित वरिष्ठ उर्दू लेखकों, कवियों और आलोचकों से अपील की है कि वह भी साहित्य अकदमी अवार्ड लौटाकर लेखकों की हो रही हत्याओँ पर अपना विरोध दर्ज कराएं.