देवरिया शेल्टर होम केसः एक और चौंका देने वाला खुलासा, 18 लड़कियों के अलावा 7 नवजात भी गायब

उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित बालिका संरक्षण गृह में चल रहे देह व्यापार के खुलासे बाद से जैसे-जैसे इस केस में जांच आगे बढ़ रही है चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. अब पुलिस को पता लगा है कि शेल्टर होम ना केवल लड़कियां बल्कि 7 नवजात भी गायब है. इन बच्चों उस सूचि से अलग हैं जो लिस्ट पुलिस को संचालिका के यहां मिली थी.

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देवरिया शेल्टर होम केसः एक और चौंका देने वाला खुलासा, 18 लड़कियों के अलावा 7 नवजात भी गायब

Aanchal Pandey

  • August 8, 2018 8:48 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

देवरियाः उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार खुलासे के बाद से पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है. इस केस में अब एक और खुलासा हुआ है. पूछताछ में पुलिस को पता लगा कि मां विध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह से 18 लड़कियों के अलावा 7 नवजात शिशु भी गायब है. ये नवजात उन 42 लोगों की लिस्ट के अलग हैं जो पुलिस को संचालिता गिरिजा त्रिपाठी के यहां मिली थी. इन बच्चों का ब्योरा सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) को भी भेजा गया था.बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्यों से बातचीत में इस चौंकाने देने वाली बात का खुलासा हुआ. 

कारा के बाल कल्याण समिति और डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अफसर (डीपीओ) से इस संबंध में जानकारी मांगी लेकिन उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी मिली. पुलिस प्रशासन ने भी इस मामले में कोई जांच नहीं कि और न कोई दिलचस्पी दिखाई. लखनऊ ने जांच के लिए टीम को ये जानकारी बाल कल्याण समिति ने दी हैं. समिति के अध्यक्ष डॉ. एसके य़ादव ने कहा कि शेल्टर होम की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी की बात सभी मानते थे.  उन्होंने बताया कि 2017 में देवरिया, महाराजगंज समेत अलग-अलग इलाकों में सात बच्चे मिले थे. जिनका रजिस्ट्रेशन कारा में करवाया गया, लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी इन्हें गोद लेने की प्रक्रिया की तरफ कोई कदम नहीं बढ़ाया गया.

कारा ने यह भी बताया कि उनकी तरफ से बच्चों को अडॉप्ट करने की प्रक्रिया के लिए डीपीओ  चिट्ठी भी लिखी गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया इन नवजात बच्चों को गिरिजा त्रिपाठी के रजला स्थित शिशु गृह में रखा गया था. वहीं कुछ ऐसेे भी बच्चे मिले हैं जिनका कारा में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. सीडबल्यूसी (चाइलड वेलवेफयर कमेटी) की तरफ से जीआरपी से बच्चों के लिए संपर्क भी किया गया और उन्हें सूचित किया गया कि गिरिजा त्रिपाठी की संस्था अवैध बच्चों को उन्हें ना सौंपा जाए. जिसके बाद भी जीआरपी ने उसी संस्था को बच्चे सौंप दिए. वो बच्चे अब कहां हैं इसकी कोई जानकारी किसी को नहीं है.

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