भारत देश शुक्रवार को 69वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल की भांति इस साल भी राजपथ पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ पहुंचेंगे और उनके सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. इस बार गणतंत्र दिवस बेहद खास है दरअसल यह पहली बार हो रहा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर 10 ASEAN देशों के राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि होंगे. इस मौके पर कई राज्यों की झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी. अब आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं 69वें गणतंत्र दिवस के सभी कार्यक्रमों के बारे में.
नई दिल्लीः देशभर में शुक्रवार को 69वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा. इस समारोह में 10 देशों के राजनेता मुख्य अतिथि होंगे. ये सभी आसियान देशों के नेता हैं, जिनके पिछले 25 वर्षों से भारत से अच्छे द्विपक्षीय संबंध हैं. इस मौके पर कई राज्यों की झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी. आइए अब आपको सिलसिलेवार तरीके से 69वें गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों के बारे में बताते हैं.
– भारी सुरक्षा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. यहां दो मिनट का मौन रखा जाएगा.
– राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने 46 अंगरक्षकों के साथ राजपथ आएंगे. राष्ट्रपति के अंगरक्षकों में भारतीय सेना की सबसे पुरानी और वरिष्ठतम रेजीमेंट शामिल है.
– राष्ट्रपति के पहुंचने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल सी. संदीप की अगुवाई में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. यह गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के आने पर दी जाती है. इसके बाद झंडा फहराकर राष्ट्रगान होगा और राष्ट्रपति युद्ध में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को वीरता पुरस्कार देंगे.
– राष्ट्रपति भवन की ओर से ‘वाई’ बनाते हुए 5 एमआई-17 लड़ाकू विमान राजपथ पर लोगों को रोमांचित करेंगे. इसके बाद अशोक चक्र और परमवीर चक्र से सम्मानित हुए जवान राजपथ पर मार्च करेंगे.
– जो पहला दस्ता राजपथ पर मार्च करेगा, वह आसियान देशों के 10 झंडे लिए होगा. इसके बाद 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर का भारतीय सेना का बैंड धुन बजाते हुए गुजरेगा.
– इसके पीछे भारतीय सेना का मुख्य युद्ध टैंक टी-90 भीष्म लोगों को रोमांचित करेगा. इसके बाद सुपरसॉनिक मिसाइल ब्रह्मोस राजपथ पर लोगों के सामने आएगी.
– ब्रह्मोस के पीछे स्वाथी नाम की हथियारों का पता लगाने वाली रडार नजर आएगी. इसी के पीछे टी-72 टैंक होगा. दो एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स डायमंड फॉर्मेशन में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से राजपथ के ऊपर से उड़ान भरेंगे.
– इसके पीछे ASEAN देशों के शिक्षा और व्यापार को दर्शाती हुई झांकी निकलेगी. इस झांकी में भारत और ASEAN देशों की परंपरागत शिक्षा व्यवस्था की झलक देखने को मिलेगी.
– दूसरी झांकी विदेश मंत्रालय की होगी और इस झांकी में भी आसियान देशों की समृद्ध संस्कृति और परंपरा की बानगी नजर आएगी. इसमें बौद्ध धर्म और नालंदा यूनिवर्सिटी को दर्शाती हुई झाकियां प्रस्तुत की जाएंगी.
– विदेश मंत्रालय की झांकी के बाद कर्नाटक की झांकी निकाली जाएगी जिसमें कर्नाटक की वनस्पति, वहां के जगंलों और प्रकृति को दिखाया जाएगा.
– कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश की झांकी निकलेगी जिसमें सांची स्तूप को खास तौर से प्रदर्शित किया जाएगा और ये दर्शाने की कोशिश की जाएगी कि मध्य प्रदेश और बौद्ध धर्म आपस में कितनी गहराई से जुड़े हुए हैं.
– मध्य प्रदेश के बाद नंबर आएगा त्रिपुरा की झांकी जहां आपको हस्तशिल्प का बेहतरीन नमूना नजर आएगा. बांस और लकड़ी से मिलाकर बने हस्तशिल्प को खास तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा.
-त्रिपुरा के बाद उत्तराखंड की झांकी निकलेगी जिसमें ग्रामीण पर्यटन को दिखाया जाएगा. इस झांकी में देव भूमि उत्तराखंड की प्राकृतिक छटा को प्रस्तुत किया जाएगा.
– उत्तराखंड के बाद बारी आएगी जम्मू-कश्मीर की जहां के खान-पान और आम जनजीवन को झाकिंयों के द्वारा दिखाया जाएगा.
– महाराष्ट्र की झांकी छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी वीरता को प्रदर्शित करेगी.
– महाराष्ट्र के बाद लक्ष्यद्वीप की झांकी आएगी, जिसमें लक्ष्यदीप का कल्चर और वहां के खान-पान की झलक देखने को मिलेगी.
– लक्ष्यद्वीप के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी आएगी और इसके द्वारा रामगढ़ के एंपीथियेटर को प्रदर्शित किया जाएगा.
– छत्तीसगढ़ के बाद आपको केरल की झांकी देखने को मिलेगी. इस झांकी में फसल उगने के बाद किसानों के उत्सव को प्रदर्शित किया जाएगा.
– केरल के पीछे असम की झांकी में आपको राज्य की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इस बार मुखौटे रूप में असम की झांकी तैयार की गई है. इस मुखौटे को तैयार करने में बांस, गन्ना, कपड़ा, गाय का गोबर और लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया है.
– इसके बाद आप पंजाब की झांकी के जरिए राज्य की भव्यता के बारे में वाकिफ होंगे. पंजाब की झांकी इस बार सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी द्वारा निर्मित ‘संगत और पंगत’ पर आधारित होगी, जिसका अर्थ होता है एक साथ इकट्ठा होना और एक साथ बैठकर गुरु का लंगर चखना.
– पंजाब के पीछे देवभूमि कहे जाने वाले राज्य हिमाचल प्रदेश की झांकी होगी. हिमाचल की झांकी इस बार स्पीति स्थित ‘क्ये मठ’ जोकि हजारों साल पुराना मठ माना जाता है, पर आधारित है.
– हिमाचल के बाद मणिपुर की झांकी प्रदर्शित होगी. मणिपुर की झांकी में भी राज्य के लोक-साहित्य की झलकियां पेश की जाएंगी.
– मणिपुर के पीछे गुजरात की झांकी होगी. गुजरात की झांकी की थीम इस बार विशेष तौर पर ‘साबरमती आश्रम के 100 साल पूरे होने और गांधी जी’ पर निर्मित की गई है.
– गुजरात के बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की झांकी होगी, जो ITBP के साहस और पराक्रम का बखान करेगी.
– ITBP के बाद मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स (जनजातीय कार्य मंत्रालय) की झांकी पेश होगी. मंत्रालय की झांकी में जनजातीय समुदायों के जीवन में सुधार आदि से संबंधित संदेश दिया गया है.
– इसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स (युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय) की झांकी भारत सरकार के कार्यक्रम ‘खेलो इंडिया’ के तहत लोगों को जागरूक करेगी.
– खेल मंत्रालय के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की झांकी होगी.
– ICAR के बाद आयकर विभाग की झांकी होगी, जो टैक्स व्यवस्था, क्लीन मनी ड्राइव आदि का संदेश देगी.
– आयकर विभाग के पीछे भारत सरकार के उपक्रम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की झांकी होगी, जो इस बार विशेष तौर पर दीपावली त्योहार को ध्यान में रखकर तैयार की गई है.