नई दिल्ली. पैगंबर मोहम्म्द पर बनी फिल्म पर संगीत देने पर फतवा का सामना कर रहे संगीतकार एआर रहमान ने सफाई दी है. रहमान ने फेसबुक पर लिखी चिट्टी में कहा है कि ‘मैंने मोहम्मद : मेसेंजर ऑफ गॉड का निर्देशन नहीं किया है. मैंने इस फिल्म में सिर्फ संगीत दिया है.’ रहमान ने कहा है कि वह इस्लाम के जानकार नहीं हैं और फिल्म में संगीत देना मेरी अच्छी भावना था.
रहमान को कलमा पढ़ लेना चाहिए कलमा पढ़ने में क्या दिक्कत है. हम फतवा वापस नहीं लेंगे: मौलाना नूरी
रहमान को मिला दोबारा कलमा पढ़ने का फतवा ?
पैगंबर मोहम्मद पर बनी फिल्म में संगीत देने पर रहमान को दोबारा से कलमा पढ़ने का फतवा दिया गया है. हालांकि रहमान के फेसबुक पर अपनी बात रख देने के बाद भी मुसलमानों की संस्था रजा अकादमी के सदस्य मौलाना नूरी का कहना है कि रहमान को कलमा पढ़ लेना चाहिए कलमा पढ़ने में क्या दिक्कत है.हम फतवा वापस नहीं लेंगे
क्यों कहा जा रहा है कलमा पढ़ने के लिए ?
फतवा देने वालों का मानना है कि फिल्म में संगीत देने से रहमान नापाक (अपवित्र) हो गए हैं और उन्हें दोबारा कलमा पढ़ना जरूरी है.
क्या है विवाद ?
पैगम्बर पर बनी फिल्म को लेकर मुसलमानों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. रहमान को मिले फतवे में कहा गया है कि फिल्म बनाने में कोई गुनाह नहीं है, लेकिन पैगम्बर की जिंदगी को एक नाटक के रूप में पेश करना और उनके किरदार को गैर-मुस्लिम अभिनेता के द्वारा निभाने से मजहब का मजाक उड़ाया गया है.