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दिल्ली में कहां-कहां असुरक्षित इमारतें है, कब होगी जमींदोज?

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इमारतें कितनी सुरक्षित, राजेन्द्र नगर के बेसमेंट कांड ने इसको लेकर एकबार फिर खोली दिल्ली की पोल, आज भी दिल्ली में मौजूद है कई असुरक्षित इमारतें।

27 जुलाई की रात दिल्ली में ओल्ड राजेन्द्र नगर इलाके में जलभराव ने ली देश के भावी IAS की जान। इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। दिल्ली में इमारतों की सेफटी को लेकर पहले भी कई बार मामले सामने आए है मगर इस घटना ने दिल्ली की रूह को कंपा दिया है। यहां कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पढ़ रहे छात्र जलभराव के कारण मौत के घाट उतर गए। ऐसे में अब इस बात को जानना जरूरी हो गया है दिल्ली की कितनी इमारते अब सुरक्षित मौजूद है और कितनी नहीं।

दिल्ली नगर निगम ने साल 2023 में इमारतों का एक सर्वे किया था जिनमें 30 लाख इमारतें शामिल थी। सर्वे के दौरान 57 बिल्डिंग्स असुरक्षित पाई गई थी। इसके अलावा 292 इमारतों को मरम्मत के लिए चिन्हित किया गया था।

2 मंजिलें मकान में कैसे बनी अधिक मंजिलें?

सर्वे के दौरान एक और बात की पुष्टि हुई कि दिल्ली की अधिकतर इमारतें ऐसी है जहां 20 वर्षों के अंतराल में दो मंजिला बिल्डिंग में लोगों ने 3 या उससे अधिक फ्लोर बनवाएं हुए है। इस पर भी सवाल खड़ा होता है कि आखिर ऐसा कैसे किया जा सकता है। इस प्रकार अवैध तरीकों से बनाई गई मंजिलों के लिए परमिशन ली गई थी या नहीं, क्या बनाने से पहले जरूरी सुरक्षा नियमों का पालन किया गया था या नहीं। इन सभी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

खतरनाक इमारतों के साथ क्या होता है?

नगर निगम के भवन विभाग द्वारा असुरक्षित इमारतों का सर्वे होने के बाद इनकी जांच पड़ताल की जाती है। नियमों के अनुसार निरतक्षण के पश्चात बिल्डिंग मालिक को इमारत की सुरक्षित या असुरक्षित होने की सुचना दी जाती है। यदि इमारत मरम्मत के बाद ठीक हो सकती है तो बिल्डिंग ओनर को इसे ठीक करवाने के निर्देश दिए जाते हैं। अगर बिल्डिंग पूरी तरह असुरक्षित पाई जाती है तो इसे नियमानुसार ध्वस्त करवा दिया जाता है। इमारत को ध्वस्त करवाने का खर्च भी मालिक को भरना होता है।

दिल्ली में आज भी मौजूद है असुरक्षित इमारतें

इस समय दिल्ली की सुरक्षा को लेकर सवाल ये है कि राजधानी में मौजूद 57 असुरक्षित इमारतों को लेकर कब तक कमेटी अपना फैसला सुनाएगी, कब तक इन इमारतों तो ध्वस्त किया जाएगा।

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Namrata Mohanty

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