नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली एक बार फिर भयानक स्मॉग की चपेट में है. सोमवार देर रात से दिल्ली में प्रदूषित हवा धुंध की शक्ल में समूचे दिल्ली-एनसीआर में फैल गई. जानलेवा स्मॉग का कहर बढ़ता जा रहा है. जहां एक ओर इसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों, फेफड़ों में जलन की शिकायत हो रही है. वहीं बुधवार को कई वाहन दुर्घटनाओं की भी खबर सामने आई है. एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया दिल्ली में फैले स्मॉग को बेहद खतरनाक बताया. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि एयर पोल्युशन के सीवियर कंडीशन की वजह से दिल्ली-एनसीआर में ‘मेडिकल इमरजेंसी’ जैसे हालात बने हुए हैं.
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि घातक स्मॉग के शार्ट और लॉन्ग टर्म इफेक्ट हैं. इसकी वजह से सांस की तकलीफ,अस्थमा, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि स्मॉग से बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं लेकिन मास्क उतना असरदार नहीं है, जितना समझा जा रहा है. N95, N99 और N100 रेटेड मास्क हैं, जो थोड़ा सेफ कहे जा सकते हैं पर वो चेहरे से पूरी तरह से चिपके रहने चाहिए.
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि पोल्युशन साइलेंट किलर है. हर साल दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से 25 से 30 हजार लोगों की मौत हो रही है. खासकर सर्दियों के मौसम में, जब पोल्युशन का स्तर बढ़ता हुआ देखा गया है. डॉक्टर गुलेरिया ने स्मॉग से दुष्प्रभाव से बचने के लिए कहा कि फिलहाल बच्चों और पहले से बीमार लोगों या फिर किसी बीमारी से जूझ रहे मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इसके साथ ही ऑफिस आदि के लिए बाहर जा रहे लोग भी कोशिश करें कि वह कम से कम बाहर निकले.
बता दें कि जहरीले स्मॉग से घिर चुके दिल्ली-एनसीआर के बच्चों को प्रदूषण के घातक असर से दूर रखने के लिए कोशिश की जा रही है. दिल्ली सरकार ने रविवार तक राजधानी के सभी स्कूलों को बंद रखे जाने की घोषणा की है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में हवा का स्तर खराब हो गया है. इस स्थिति में, बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता.’ मंगलवार को स्मॉग के कारण सुबह दिल्ली-एनसीआर में विजिबिलिटी जहां 500 से 50 मीटर तक पहुंच गई थी वह बुधवार को कई इलाकों में विजिबिलिटी और घट गई है.