चेन्नईः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में करीब दो साल बाद एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. भारी बारिश के चलते बिजली की तारों की चपेट में आने से दो लड़कियों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की ओर से मृतकों के परिजनों को 3-3 लाख रुपये और बिजली विभाग की ओर से 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है. बता दें कि चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में रविवार रात से शुरू हुई बारिश सोमवार दोपहर तक जारी रही. मंगलवार रात एक बार फिर बारिश शुरू हुई और बुधवार तड़के तक जारी रही. बारिश के कारण राजधानी समेत कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति नजर आई. बारिश के कारण बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी स्कूल बंद रहे. मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिन तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. भारी बारिश के एहतियातन सरकार और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है.
मौसम विभाग के मुताबिक, चेन्नई और आसपास के जिलों में लगातार बारिश होने का कारण बंगाल की खाड़ी में तूफान का बनना है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने कोस्टल इलाके के लिए विशेष तौर पर अलर्ट जारी किया है. सोमवार को चेन्नई में 35 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं थीं. चेन्नई की सड़कों पर जगह-जगह पानी भरने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पानी भरने की वजह से जगह-जगह भारी जाम लग गया. पानी भरने की वजह से चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल ने काम करना बंद कर दिया.
बारिश की वजह से चेन्नई की जीएसटी रोड, अन्ना मलाई जैसे मुख्य स्थानों पर ट्रैफिक पर काफी असर पड़ा है. शहर के बाहरी इलाकों और एयरपोर्ट को जाने वाली सड़कों पर भी जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है. शहर में जगह-जगह जलभराव होने से बसें भी देरी से चल रही हैं. दफ्तर जाने वाले लोग भी बारिश से हलकान हैं. तूफान चेतावनी केंद्र के निदेशक एस. बालाचंद्रन ने बताया कि श्रीलंका के तट के पास बंगाल की खाड़ी के ऊपर केंद्रित तूफान सर्कुलेशन केंद्र से कम दबाव का क्षेत्र बनेगा और इसकी वजह से तमिलनाडु और पुडुचेरी में शुक्रवार तक बारिश होने के आसार हैं. चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, तंजौर, तिरुवरूर, नागापट्टनम और रामनाथपुरम को खास तौर पर अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि दिसंबर 2015 में राजधानी चेन्नई बाढ़ में पूरी तरह डूब गई थी. चेन्नई के साथ-साथ तमिलनाडु के कई इलाकों में कई दिनों तक लगातार बारिश हुई थी. शहर की सड़कों पर चार से पांच फीट तक पानी भरा था. बाढ़ की वजह से 270 लोगों की मौत हो गई थी. आर्मी, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को बाहर निकाला और खाने-पीने से लेकर जरूरत का हर सामान मुहैया करवाया था.