व्यापमं घोटाला: CBI ने दाखिल की चार्जशीट, CM शिवराज सिंह चौहान को क्लीन चिट
व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को मंगलवार को बड़ी राहत दी है. सीबीआई ने अपनी जांच में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के आरोप को खारिज कर दिया है. दिग्विजय सिंह ने सीएम पर आरोप लगाया था कि शिवराज सिंह चौहान को बचाने के लिए हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ की गई है.
October 31, 2017 5:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
भोपालः व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को मंगलवार को बड़ी राहत दी है. सीबीआई ने अपनी जांच में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के आरोप को खारिज कर दिया है. दिग्विजय सिंह ने सीएम पर आरोप लगाया था कि शिवराज सिंह चौहान को बचाने के लिए हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ की गई है. अदालत ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को इसकी जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद मंगलवार को सीबीआई ने व्यापमं मामले में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 490 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ की बात को नकारा है. पूरी तरह से तस्दीक करने के लिए सीबीआई ने हार्ड डिस्क की फोरेंसिक जांच भी कराई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिग्विजय सिंह और एक अन्य याचिकाकर्ता प्रशांत पाण्डेय का आरोप था कि व्यापमं के अधिकारी नीतीश मोहिंदर के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क के साथ छेड़खानी की गई है. हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ करते हुए 48 बार एक फाइल में से सीएम शब्द को हटाया गया है. प्रशांत पाण्डेय ने बाकायदा सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव भी सीबीआई को मुहैया कराई थी. सीबीआई ने इस पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था लेकिन फोरेंसिक जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया.
बताते चलें कि सीबीआई ने जिन 490 लोगों की खिलाफ चार्जशीट दाखिल की हैं, उसमें 84 नए आरोपी हैं. नए आरोपियों में नकल करने वाले, नकल करवाने वाले और एक बिचौलिया और 22 अभिभावक शामिल हैं. इंजन और बोगी इस रैकेट के कोड हुआ करते थे. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, ज्यादातर इंजन (परीक्षार्थी जो नकल करवाता था) एमपी, यूपी, राजस्थान, दिल्ली, और बिहार से आते थे. इंजन पढ़ाई में तेजतर्रार होते थे. इनको पकड़ने के लिए सीबीआई ने अलग-अलग राज्यों के सैकड़ों छात्रों के रिकॉर्ड खंगाले थे.
गौरतलब है कि जांच एजेंसी सीबीआई को 24 लोगों की मौत की जांच करने के लिए कहा गया था. हाल ही में सीबीआई ने व्यापमं केस की जांच के बाद इन मौतों में किसी तरह की साजिश से इनकार किया था. जांच में सीबीआई ने पाया कि 24 में से 16 लोगों की मौत आरोपी बनाए जाने से काफी पहले हो चुकी थी जबकि बाकी लोगों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई.