नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार दिल्ली में शौचालय का उपयोग करने वाले लोगों को नए साल का तोहफा देने जा रही है. दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) ने शुक्रवार को इस पहल के बारे में बताते हुए कहा कि राजधानी में झुग्गी समूहों से जुड़े इलाकों (जेजे कॉलोनी) में यह शौचालय के उपयोगकर्ताओं के लिए ‘नए साल का उपहार’ है. इसके तहत 1 जनवरी, 2018 से शौचालय के प्रयोग के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की 20वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बोर्ड की यह मीटिंग आयोजित की गई थी. इस पहल का मकसद राजधानी दिल्ली के स्लम एरिया (झुग्गी-झोपड़ी) के निवासियों को राहत देना है. बैठक में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे 19 हजार टॉयलेट्स पर यह सुविधा (शौचालय के उपयोग) निशुल्क करने की बात कही गई.
1 जनवरी, 2018 से इन सभी शौचालयों के उपयोग पर उपयोगकर्ता से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. दिल्ली सरकार की ओर से आधिकारिक बयान में इसे झुग्गी-झोपड़ी (जेजे) कॉलोनी में रहने वाले लोगों के लिए नए साल का तोहफा बताया गया. सरकार की ओर से कहा गया कि 19 हजार टॉयलेट्स को निशुल्क करने से दिल्ली सरकार पर करीब 50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. दिल्ली सरकार इस 50 करोड़ रुपये का वहन करेगी.
बोर्ड मीटिंग में शीतकालीन कार्य योजना पर भी चर्चा की गई. दिल्लीवासियों को सर्दियों से राहत देने के लिए DUSIB कंट्रोल रूम 15 नवंबर से काम करना शुरू करेगा. शीतकालीन कार्य योजना को प्रभावी करने के लिए सभी हितधारक विभागों के बीच 10 नवंबर को एक समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी. दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने 19 हजार टॉयलेट्स को निशुल्क करने के फैसले पर अरविंद केजरीवाल की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया.