नई दिल्लीः करीब एक साल से लापता जेएनयू छात्र नजीब अहमद की तलाश के लिए सीबीआई ने पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग की है. सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट से 9 संदिग्ध छात्रों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की इजाजत मांगी है. जांच एजेंसी ने मंगलवार को इन सभी छात्रों को समन जारी कर बुधवार को कोर्ट आने को कहा था. जिसके बाद बुधवार को सभी छात्र कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को करने का आदेश दिया है.
सीबीआई ने सभी 9 छात्रों की सूची कोर्ट को सौंपी है. सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि वह इन छात्रों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है. सीबीआई ने इन सभी संदिग्धों को कोर्ट के सामने पेश होकर पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने के निर्देश दिए थे. बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस भी इन छात्रों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की बात कह चुकी है लेकिन उस दौरान इन्होंने टेस्ट से साफ इनकार कर दिया था.
बताते चलें कि इनमें से कुछ छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी. केस की जांच को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट सीबीआई पर काफी गंभीर टिप्पणी कर चुकी है. कोर्ट ने कहा कि इस केस की जांच में सीबीआई की ओर से ‘दिलचस्पी का पूरी तरह अभाव’ रहा है. फिलहाल कोर्ट की टिप्पणी के बाद सीबीआई द्वारा छात्रों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराए जाने की मांग को देखकर लगता है कि सीबीआई की मजबूरन ही सही मगर इस केस में दिलचस्पी जरूर पैदा हो गई है.
क्या है मामला
14 अक्टूबर, 2016 को जेएनयू कैंपस के माही-मांडवी हॉस्टल में नजीब की कुछ एबीवीपी छात्रों से झगड़े की बात सामने आई थी. अगली सुबह यानी 15 अक्टूबर को नजीब हॉस्टल से अचानक लापता हो गया था. काफी खोजबीन के बाद भी नजीब का कुछ पता नहीं चला. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. नजीब की मां की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केस की जांच सीबीआई को सौंप दी. नजीब का पता बताने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. कई बार नजीब को दिल्ली-एनसीआर और अलीगढ़ में देखे जाने की खबरें भी मिलीं हैं.